Magh Purnima: माघ पूर्णिमा पर इस विधि से करें पूजा, कभी नहीं होगी धन की कमी

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24 फरवरी को माघ माह की पूर्णिमा तिथि है। माघ के दौरान लोग पूरे महीने में सुबह जल्दी गंगा या यमुना में स्नान करते हैं। पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाला दैनिक स्नान माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए सभी दान कार्य आसानी से फलित होते हैं। इसलिए लोग अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान देते हैं।  

 

24 फरवरी को माघ माह की पूर्णिमा तिथि है। माघ के दौरान लोग पूरे महीने में सुबह जल्दी गंगा या यमुना में स्नान करते हैं। पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाला दैनिक स्नान माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए सभी दान कार्य आसानी से फलित होते हैं। इसलिए लोग अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान देते हैं।

 

माघी पूर्णिमा पूजा विधि 
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें। गंगा नदी या पवित्र नदियों में स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें और भगवान का ध्यान कर सर्वप्रथम भगवान भास्कर को "ॐ नमो नारायणाय" मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें।

पूर्णिमा के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी को पीले तथा लाल रंग सामग्री अर्पित करने से वे प्रसन्न होती हैं। लक्ष्मी जी और कुबेर की विशेष कृपा मिलती है और पूर्णिमा की रात में किए गए पूजन से कभी भी धन की कमी महसूस नहीं होती है।

माघ पूर्णिमा के दिन मोर पंख को बांसुरी में लपेट कर पूजन करने से भगवान मुरलीधर अति प्रसन्न होकर वरदान देते हैं।

माघ पूर्णिमा के दिन भगवान श्री कृष्ण को सफेद पुष्प, चमकीले वस्त्र, गुलाब, मोती, फल, चावल और खीर या सफेद रंग मिठाई चढ़ाने से वे प्रसन्न होकर आशीष देते हैं।

माघ पूर्णिमा पर एक बड़ा दीया लेकर उसमें शुद्ध घी और चार लौंग रखकर अखंड ज्योत जलाने से ईश कृपा बरसती है।

माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को खीर अर्पित करने से चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है।

पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे की आराधना करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।