Karwa Chauth Puja Samagri: करवा चौथ की पूजा इन चीजों के बिना है अधूरी, नोट कर लें पूजा सामग्री की लिस्ट, जानें चांद निकलने का समय

शादीशुदा महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। कहते हैं कि विधि-विधान के साथ करवा चौथ की पूजा करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। इस साल 1 नवंबर को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का निर्जला व्रत रखेंगी। पति-पत्नी के प्यार का प्रतीक इस पर्व को लेकर लोगों में गहरी मान्यता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक करवा चौथ के दिन उपवास रखने से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं पूरा दिन बिना अन्न और जल के रहती हैं। व्रती महिलाएं रात में चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। इस व्रत में चंद्रमा की पूजा के अलावा करवा माता, भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती और कार्तिकेय जी की उपासना की जाती है। करवा चौथ का व्रत करवा और इन पूजा सामग्री के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसे में अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं तो पूजा में इन चीजों को जरूर शामिल करें। 

 

शादीशुदा महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। कहते हैं कि विधि-विधान के साथ करवा चौथ की पूजा करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। इस साल 1 नवंबर को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का निर्जला व्रत रखेंगी। पति-पत्नी के प्यार का प्रतीक इस पर्व को लेकर लोगों में गहरी मान्यता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक करवा चौथ के दिन उपवास रखने से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं पूरा दिन बिना अन्न और जल के रहती हैं। व्रती महिलाएं रात में चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। इस व्रत में चंद्रमा की पूजा के अलावा करवा माता, भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती और कार्तिकेय जी की उपासना की जाती है। करवा चौथ का व्रत करवा और इन पूजा सामग्री के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसे में अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं तो पूजा में इन चीजों को जरूर शामिल करें। 

करवा चौथ पूजा सामग्री लिस्ट
करवा और ढक्कन (मिट्टी या तांबा), छलनी, कांस की तीलियां, पानी का लोटा, मिठाई, दीपक, मिट्टी की पांच डेलियां, सिंदूर, अक्षत, रोली, मौल, कुमकुम, देसी घी,चावल, फूल, फल, चंदन, सुहाग का सामान (16 श्रृंगार का सामान), पका हुआ भोजन, हलवा, आठ पूरियों की अठावरी, कच्चा दूध, नारियल, पान, व्रत कथा की किताब, करवा माता की तस्वीर, ड्राई फ्रूट्स, कपूर, रूई की बाती, अगरबत्ती-धूप, हल्दी, दही, इत्यादि।

करवा चौथ के दिन इतने बजे दिखेगा चांद
आपको बता दें कि करवा चौथ की पूजा चांद को देखे बिना पूरी नहीं मानी जाती है। इस व्रत में चांद की पूजा का विशेष महत्व है। चांद के निकलने के बाद और अर्घ्य देने के बाद ही करवा चौथ व्रत का पारण किया जाता है। चांद की पूजा के बाद व्रती महिलाएं अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। इस बार करवा चौथ का चांद निकलने का समय रात 8 बजकर 15 मिनट का बताया जा रहा है। वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।