Hartalika Teej 2023: आज है हरतालिका तीज का व्रत, इस शुभ मुहूर्त में करें मां पार्वती का पूजन

पंचांग के अनुसार आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है और इस दिन हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और खुशहाल दांपत्य जीवन की कामना से रखती हैं। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन किया जाता है और दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद अगले दिन व्रत का पारण होता है। यह व्रत पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में रखा जाता है। आइए जानते हैं हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि। 

 

पंचांग के अनुसार आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है और इस दिन हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और खुशहाल दांपत्य जीवन की कामना से रखती हैं। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन किया जाता है और दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद अगले दिन व्रत का पारण होता है। यह व्रत पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में रखा जाता है। आइए जानते हैं हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि। 

हरतालिका तीज 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 17 सितंबर को शुरू हो गई है और इसका समापन 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत आज यानि 18 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार सुबह 6 बजकर 7 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा सुबह 9 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक का समय भी पूजा के लिए बेहद शुभ है। यदि इन मुहूर्त में पूजा न कर पाएं तो दोपहर को शाम 3 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 51 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा। 

हरतालिका तीज पूजन विधि
इस दिन माता पार्वती के साथ ही भगवान शिव और भगवान जी का पूजन किया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं, यानि दिनभर जल या अन्न कुछ भी ग्रहण नहीं करतीं। सुहागिन महिलाएं यह पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है कि हरतालिका तीज का व्रत करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। 

इस दिन पूजा के दौरान भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी का तिलक लगाकर वस्त्र अर्पित करें। जल से भरे लोटे पर नारियल रखकर उसकी स्थापना करें. इसके बाद मंदिर में घी का दीपक व धूप जलाएं। पूजा करते समय माता पार्वती को श्रृंगार व सुहाग की वस्तुएं जैसे कि लाल चुनरी, बिंदी, कुमकुम, चूड़ियां, मेहंदी, बिछिया और सिंदूर अर्पित करें. फिर व्रत कथा पढ़ें व सुनें।