Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज की पूजा घर पर कैसे करें? एक क्लिक में जानिए सारी डिटेल!

हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाने वाला हरियाली तीज का पावन त्योहार महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है और सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. हालांकि, इस दिन व्रत पूरे विधि-विधान से करना चाहिए. अगर आप भी हरियाली तीज का व्रत रखने जा रही हैं, तो चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि घर में हरियाली तीज की पूजा कैसे करें, पूजा विधि क्या है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा और पारण कब किया जाएगा.

 

हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाने वाला हरियाली तीज का पावन त्योहार महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है और सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. हालांकि, इस दिन व्रत पूरे विधि-विधान से करना चाहिए. अगर आप भी हरियाली तीज का व्रत रखने जा रही हैं, तो चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि घर में हरियाली तीज की पूजा कैसे करें, पूजा विधि क्या है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा और पारण कब किया जाएगा.

हरियाली तीज 2025 कब है?
हरियाली तीज हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि को मनाई जाती है. पंचांग के मुताबिक, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया 26 जुलाई की रात 10:44 मिनट से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 10:41 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर हरियाली तीज आज यानी 27 जुलाई को ही मनाई जाएगी.

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त क्या है?
वैदिक पंचांग के मुताबिक, पंचांग के मुताबिक, इस साल हरियाली तीज पूजा शुभ मुहूर्त 27 जुलाई को शाम 6:31 से लेकर 7:30 बजे विशेष रूप से लाभकारी रहेगा. 27 जुलाई को रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है, जो कि शाम 4:23 बजे से शुरू होकर 28 जुलाई की सुबह 5:40 बजे तक रहेगा. हरियाली तीज पर रवि योग में पूजा और व्रत करना बेहद शुभ होता है.

हरियाली तीज पूजा सामग्री
हरियाली तीज की पूजा में पीला वस्त्र, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केले के पत्ते, आक का फूल, सूखा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा, घी, कपूर, धूप-दीप, जनेऊ, पूजा की चौकी, तांबे और पीतल का कलश, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पांच प्रकार के फल, मिठाई, शिव चालीसा, पंचामृत दही, मिश्री, शहद, हरियाली तीज व्रत की पुस्तक, हरे रंग की साड़ी, कुमकुम, काजल, चुनरी, सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, बिछिआ, मेहंदी, दर्पण, इत्र और सोलह श्रृंगार से जुड़ी हर सामग्री की जरूरत पड़ती है.

हरियाली तीज की पूजा कैसे की जाती है?
हरियाली तीज के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
इसके बाद पूजा स्थल को साफ करके वहां गंगाजल आपको छिड़कना चाहिए.
फिर सुहागिन महिलाओं को 16 श्रृंगार करके पूजा स्थल पर बैठना चाहिए.
इसके बाद एक चौकी पर शिव-पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए.
पूजा स्थल पर बैठकर हरियाली तीज व्रत का संकल्प लें और पूजा शुरू करनी चाहिए.
फिर भगवान शिव और माता पार्वती को फल, फूल, मिष्ठान आदि का भोग लगाना चाहिए.
इसके बाद हरियाली तीज की व्रत कथा का पाठ करना चाहिए.
भगवान शिव और मां पार्वती के मंत्रों का जाप और अंत में आरती जरूर करें.
फिर घर के लोगों को प्रसाद का वितरण करना चाहिए.


हरियाली तीज व्रत का पारण कब किया जाता है?
हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है और अगले दिन सुबह पूजा करके व्रत का पारण किया जाता है. हरियाली तीज व्रत के दिन सूर्योदय से पहले सरगी खाते हैं और फिर सूर्योदय के साथ ही निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.

हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है?
हरियाली तीज भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. यह त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।