Ganesh Chaturthi 2025: कब से कब तक मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी का पर्व, नोट करें सही डेट
हिंदू धर्म में हर पर्व और त्योहार का अपना विशेष महत्व है. गणेश चतुर्थी का पर्व विघ्नहर्ता भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व गणेश उत्सव के साथ शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी के दिन इसका समापन होता है.गणेश उत्सव का अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ समापन किया जाता है. इस दिन का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. गणेश चतुर्थी 10 दिवसीय उत्सव है जो पहले दिन गणेश स्थापना से शुरू होता है. जानते हैं साल 2025 में कब से कब तक मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी का पर्व.गणेश उत्सव का उत्साह पूरे देश में देखने को मिलता है. इस पर्व की धूम विशेष रूप से महाराष्ट्र और गुजरात से साथ-साथ पूरे देश में देखी जाती है.
हिंदू धर्म में हर पर्व और त्योहार का अपना विशेष महत्व है. गणेश चतुर्थी का पर्व विघ्नहर्ता भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व गणेश उत्सव के साथ शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी के दिन इसका समापन होता है.गणेश उत्सव का अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ समापन किया जाता है. इस दिन का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. गणेश चतुर्थी 10 दिवसीय उत्सव है जो पहले दिन गणेश स्थापना से शुरू होता है. जानते हैं साल 2025 में कब से कब तक मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी का पर्व.गणेश उत्सव का उत्साह पूरे देश में देखने को मिलता है. इस पर्व की धूम विशेष रूप से महाराष्ट्र और गुजरात से साथ-साथ पूरे देश में देखी जाती है.
कब है गणेश चतुर्थी 2025?
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त 2025, दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर होगी.
जिसका समापन 27 अगस्त 2025, दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगा.
उदया तिथि होने के कारण गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025, बुधवार को मनाया जाएगा.
गणेश उत्सव का समापन कब है?
अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर, 2025 के दिन गणेश विसर्जन किया जाएगा.
पंचांग के अनुसार-
27 अगस्त को सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 28 रहेगा,सूर्यास्त का समय शाम 06 बजकर 14 मिनट रहेगा.इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 03 बजकर 58 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश की सही विधि से पूजा-अर्चना और स्थापना करना बहुत जरूरी और विशेष होता है. इस पर्व पर मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा घर लाई जाती हैं और उनकी स्थापना की पूरी विधि की जाती है. गणेश जी की पूजा के साथ सही विधि से उनका आवाहन करना बेहद जरूरी होता है. इन सबके साथ भगवान की सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़नी चाहिए.
सही प्रकार और विधि विधान से पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है और संकटों से मुक्ति मिलती है.