Dussehra 2023:  विजयादशमी के दिन कब है रावण दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि

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हिंदू धर्म में दशहरे का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना गया है। क्योंकि इस दिन ही भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था साथ ही मां दुर्गा महिषासुर नामक राक्षस का वध की थी। दशहरा शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन को मनाते हैं। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल दशहरा सितंबर या अक्टूबर के माह में पड़ता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि इस साल दशहरा का पूजा मुहूर्त, रावण दहन मुहूर्त, शुभ तिथि और पूजा विधि के बारे में जानेंगे। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

 

हिंदू धर्म में दशहरे का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना गया है। क्योंकि इस दिन ही भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था साथ ही मां दुर्गा महिषासुर नामक राक्षस का वध की थी। दशहरा शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन को मनाते हैं। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल दशहरा सितंबर या अक्टूबर के माह में पड़ता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि इस साल दशहरा का पूजा मुहूर्त, रावण दहन मुहूर्त, शुभ तिथि और पूजा विधि के बारे में जानेंगे। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

रावण दहन के लिए शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, रावण दहन का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 05 मिनट से लेकर 2 बजकर 51 मिनट तक हैं। यानी पूजा के लिए 46 मिनट की अवधि हैं।

पूजन मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, रावण दहन का पूजा मुहूर्त दोपहर को 1 बजकर 20 मिनट से लेकर 3 बजकर 37 मिनट तक हैं।

विजयादशमी कब से कब तक
नवरात्रि की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से लेकर 24 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक हैं।

विजयादशमी की पूजा-विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विजयादशमी की पूजा कभी भी अभिजीत, विजयी और अपराह्न काल में की जाती है। साथ ही घर के ईशान कोण में दशहरा का पूजन करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरे की पूजा करते समय पूजा स्थल को सबसे पहले गंगाजल से पवित्र करें। इसके बाद कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल बनाना चाहिए और देवी मां के लिए अपराजिता के फूल अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। फूल अर्पित करने के बाद भगवान श्री राम और भगवान हनुमान की भी पूजा करें। अब अंत में मां दुर्गा की आरती कर भोग अर्पित करें।