सुबह उठने के बाद स्नान करके इन खास मंत्रों का करें जाप, जीवन में नहीं आएंगी दिक्कतें

अगर आप अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं और आपको अपने कार्यों में तरक्की नहीं मिल रही है तो आपकी सफलता के लिए धर्म शास्त्र में कुछ खास मंत्रों का जिक्र किया गया है। जिसके जाप से आपकी परेशानियों का हल हो सकता है। 

 

अगर आप अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं और आपको अपने कार्यों में तरक्की नहीं मिल रही है तो आपकी सफलता के लिए धर्म शास्त्र में कुछ खास मंत्रों का जिक्र किया गया है। जिसके जाप से आपकी परेशानियों का हल हो सकता है। 

इन मंत्रों का करें जाप

ॐ हृां मित्राय नम: अगर आप अच्छी सेहत पाना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपकी कार्य करने की क्षमता बढ़ जाए, तो आप सूर्य देव के पहले मंत्र का जाप उन्हें अर्घ देते समय नियमित रूप से करें। 

ॐ हृीं रवये नम: अगर आप क्षय व्याधि से परेशान हैं और अपने शरीर का रक्त संचार ठीक करना चाहते हैं, तो सूर्य देव के सामने खड़े होकर इस मंत्र का जाप करें। इससे कफ आदि से जुड़े रोग भी दूर होते हैं। 

 ॐ हूं सूर्याय नम: मानसिक शांति के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे बुद्धि में भी वृद्धि होती है। 

ॐ ह्रां भानवे नम: मूत्राशय से जुड़ी समस्याओं के लिए आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। 

ॐ हृों खगाय नम: मलाशय से संबंधित समस्या के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके जाप से बुद्धि का विकास होता हैं और शरीर का बल भी बढ़ता है। 

ॐ हृ: पूषणे नम: आप अपना बल और धैर्य बढ़ाना चाहते हैं, तो इस मंत्र का जाप करें। इससे मनुष्य का मन धार्मिक कर्मों में भी लगता है। 

इस तरह करें सभी देवों को दर्शन
कराग्रे वसते लक्ष्मी: कर मध्ये सरस्वती । कर मूले तू गोविंदा, प्रभाते कर दर्शनम ।। सुबह सबसे पहले दोनो हथेलियों को जोड़कर देखें फिर इस मंत्र का जप बिस्तर पर ही बैठकर कर सकते हैं। 

निरोगी काया के लिए मंत्र
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित: । मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय ।। 

मान-सम्मान के लिए मंत्र
सर्वमंगल मांगल्यै शिव सर्वाथ साधिक । शरण्ये त्रयम्बके गौरि नरायणि नमोऽस्तु ते ॥ 

निरंतर धन प्राप्ति के लिए मंत्र
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित: । मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यतिं न संशय: ।।

शत्रु के नाश करने के लिए मंत्र
ॐ ह्रीं लृी बगलामुखी मम् सर्वदुष्टानाम वाचं मुखं पदं। स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं लृी ॐ स्वाहा।। 

विद्या प्राप्ति के लिए मंत्र
विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्तिः॥  

कर्ज मुक्ति के लिए मंत्र
ओम गं ऋणहर्तायै नम: अथवा ओम छिन्दी छिन्दी वरैण्यम् स्वाहा।