मकर संक्रांति पर इस विधि से करें भगवान भास्कर की अराधना, चमकेगी किस्मत

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार को महत्वपूर्ण माना जाता है।  यह सूर्य पूजा, उत्तरायण, ऋतु परिवर्तन, खिचड़ी पर्व और फसल का त्योहार होता है।  मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है। क्योंकि इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आज के दिन सूर्य देव  धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, और आज के दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाई जाती है, पंचांग के अनुसार इस साल 2023 में सूर्य 14 जनवरी रात्रि में मकर राशि में गोचर करेंगे, इसलिए उदयातिथि के अनुसार अगले दिन 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। मकर संक्रांति पर सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए ज्योतिषविद विमल जैन के अनुसार इन विधियों से सूर्य देव की पूजा करने से आपको लाभ हो सकता है। तो चलिए जानते हैं पूजा की क्या है विधि - 

 

 हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार को महत्वपूर्ण माना जाता है।  यह सूर्य पूजा, उत्तरायण, ऋतु परिवर्तन, खिचड़ी पर्व और फसल का त्योहार होता है।  मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है। क्योंकि इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आज के दिन सूर्य देव  धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, और आज के दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाई जाती है, पंचांग के अनुसार इस साल 2023 में सूर्य 14 जनवरी रात्रि में मकर राशि में गोचर करेंगे, इसलिए उदयातिथि के अनुसार अगले दिन 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। मकर संक्रांति पर सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए ज्योतिषविद विमल जैन के अनुसार इन विधियों से सूर्य देव की पूजा करने से आपको लाभ हो सकता है। तो चलिए जानते हैं पूजा की क्या है विधि - 


मकर संक्रांति पर सूर्य देव को दें अर्घ्य 

मकर संक्रांति के दिन स्नानादि के बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें, इसके कई लाभ हैं।इस दिन तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, रोली, अक्षत, लाल कनेर के फूल और गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए, इससे सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस बात का ध्यान रखें कि कलश में भरे जल से सूर्य देव को तीन बार अर्घ्य दें और प्रत्येक अर्घ्य के बाद परिक्रमा जरूर करें। 

मकर संक्रांति पर इस विधि से करें पूजा सूर्य देव होंगे प्रसन्न 

पौराणिक कथा के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव के घर जाते हैं। इसलिए इस दिन विशेष फल की प्राप्ति के लिए सूर्य देव और शनि देव दोनों की ही पूजा करनी चाहिए. शनि देव को काले तिल और सरसों तेल अर्पित कर पूजा करें। 

वहीं सूर्य देव को विधिपूर्वक अर्ध्य देकर पूजा-पाठ करनी चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, श्री गणेश और भगवान कृष्ण की भी पूजा करने का विधान है। सभी को तिल, जल और फूल अर्पित कर पूजा की जाती है। 

मकर सक्रांति पर सूर्य देव की विधिवत पूजा के लिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। 

सूर्य देव को हल्दी और चंदन का तिलक करें और अक्षत चढ़ाए सूर्यदेव को लाल फूल अर्पित करें और धूप-दीप जलाएं। मकर सक्रांति के दिन सूर्य देव को तिल, गुड़ और खिचड़ी का भी भोग लगाया जाता है। पूजा के अंत में आरती करें और नैवेद्य चढ़ाकर भगवान के समक्ष हाथ जोड़कर पूजा का समापन करें। 

मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा के लिए मंत्र

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः 
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: 
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घ्य दिवाकर:।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।
मकर संक्रांति करें इन पांच चीजों का दान

मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल और चावल का दान गरीब और जरूरतमंदों में जरूर करें. इससे भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।