राशिफल : कैसा रहेगा आज का दिन, जानिए क्या-क्या होगा लाभ

आज 15 जून बुधवार का दिन है। आइये प्रख्यात हस्तरेखा विशेषज्ञ विमल जैन से जानते है कि क्या कहते हैं आपके किस्मत के सितारे। कैसा जाएगा आपका आज का दिन।
 

आज 15 जून बुधवार का दिन है। आइये प्रख्यात हस्तरेखा विशेषज्ञ विमल जैन से जानते है कि क्या कहते हैं आपके किस्मत के सितारे। कैसा जाएगा आपका आज का दिन।

मेष-  भाग्योनति हेतु नवीन आयाम, स्वास्थ्य में अनुकूल सुधार, विरोधी परास्त, आहार-विहार में नवीनता, धन संचय की ओर प्रवृत्ति, नवसम्पर्क उपयोगी।

वृषभ- एकाग्रता का अभाव, कार्यसिद्धि में कठिनाइयां, राजकीय पक्ष से उलझनें, धन का अभाव, जीवन साथी के कुछ कष्ट, वाहन से परेशानी, विचारों में उग्रता भी ।

मिथुन- अभीष्ट सिद्धि का प्रयास सार्थक, आत्मबल में वृद्धि, कर्ज की निवृत्ति का प्रयास, मन प्रसन्न, दाम्पत्य जीवन में मधुरता, पूँजी का प्रतिफल, यात्रा सुखद ।

कर्क- स्वास्थ्य सुधार की ओर, व्यापारिक लाभ का मार्ग प्रशस्त, आमोद-प्रमोद के साधन सुलभ, हर्षोल्लास का वातावरण, परोपकार की भावना जागृत ।

सिंह- दिनशुभ, मनोवांछित सफलता का सुअवसर, विवादास्पद मसला सुलझने को, धर्म में आस्था, उच्चाधिकारियों से सम्पर्क का लाभ, संत समागम।

कन्या- योजना अधूरी व्यावसायिक निराशा, विरोधी प्रभावी, बढ़ते हुए खर्च से चिन्तित, मित्रों से तनाव, राजकीय पक्ष से उलझनें, सूझबूझ अपेक्षित ।

तुला- परिस्थितियां सुधार पर आत्मबल में वृद्धि, किसी आयोजन में सम्मिलित होने का सुअवसर, धन संचय की ओर प्रवृत्ति, विकास का मार्ग प्रशस्त।

वृश्चिक- ग्रहयोग भाग्य के पक्ष में, सुपरिचितों से विचार-विमर्श, कार्य-व्यवसाय में व्यवधान समाप्त, विवाद के समापन से खुशी, दर्शनीय स्थलों की यात्रा।

धनु- अभीष्ट कार्यों में सफलता, आरोग्य सुख, आमोद-प्रमोद के साधन सुलभ, शिक्षा के क्षेत्र में सफलता, यश-मान-सम्मानपरक कृत्य संपन्न, धनागम में अनुकूलता। 

मकर- स्वास्थ्य प्रतिकूल, व्यापारिक गतिरोध, मानसिक अशांति, व्यय को अधिकता, स्वजनों से अनबन, दूसरों की गलतफहमी के शिकार, यात्रा असफल।

कुम्भ- ग्रहयोग बेहतर, आत्मसंयम से कार्यो में सफलता, श्रेष्ठजनों से सम्पर्क, वैवाहिक अड्चनें समाप्त, संत समागम, आवागमन में अनुकूलता, प्रसन्‍नता।

मीन- दिन शुभ, विनियोजित धन का प्रतिफल प्राप्त, स्वाध्याय की ओर रुझान, योजना के प्रति जागृत, कार्यक्षमता में वृद्धि, विवाद समापन पर, मनोविनोद के सुअवसर