बुद्ध पूर्णिमा : जानिए क्या है भगवान गौतम बुद्ध के बताए गए चार आर्यसत्य
हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान बुद्ध को विष्णुजी का अवतार माना जाता है इसलिए इस तिथि को हिंदू और बौद्ध धर्म के दोनों अनुयायी बहुत ही श्रद्धा भाव से इस त्योहार मनाते हैं।
इस वर्ष बौद्ध पूर्णिमा का त्योहार 16 मई को मनाया जाएगा। इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान बुद्ध और चंद्रदेव की भी पूजा की जाएगी।
भगवान बुद्ध द्वारा बताए गए 4 आर्यसत्य
1. दुख : संसार में दुःख है,
2. समुदय: दुःख के कारण हैं,
3. निरोध: दुःख के निवारण हैं,
4. मार्ग: निवारण के लिए मार्ग हैं।
बुद्ध ने बताया कि सुख प्राप्ति से पहले हर इंसान को ये बातें जान लेनी चाहिए
1. दुख है
महात्मा बुद्ध ने जो प्राणी जगत को पहला आर्य सत्य का ज्ञान दिया वह है \'संसार में दुःख है\'। महात्मा बुद्ध ने अपने पहले आर्य सत्य में यह बताया कि इस संसार में कोई भी प्राणी ऐसा नहीं है जिसे दुःख ना हो। इसलिए दुःख में भी सदैव प्रसन्न रहना चाहिए।
2. दुख का कारण इच्छा है
महात्मा बुद्ध ने दूसरा आर्य सत्य बताया कि दुःख का प्रमुख कारण तृष्णा (तीव्र ईच्छा ) है। इसलिए किसी भी चीज के प्रति अत्यधिक तृष्णा नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से दुख से बचा जा सकता है।
3. हर दुख का निवारण है
महात्मा बुद्ध ने तीसरा आर्य सत्य उपदेश ये बताया कि इस संसार में जितने भी दुःख हैं उनका निवारण है। ऐसा कोई दुख नहीं जिसका कोई हल नहीं हो।
4.दुख निवारण के उपाय भी है
महात्मा बुद्ध ने चौथा आर्य सत्य बताया कि दुखों के निवारण के उपाय भी मौजूद है। दुःख की समाप्ति के लिए मनुष्य को सदमार्ग (अष्टांगिक मार्ग) से परिचित होना चाहिए।