आईओबी की बिक्री पेशकश खुली, सरकार 3 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचेगी

 




-आईओबी में ओएफएस के जरिए 3 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने की शुरुआत की

नई दिल्‍ली, 17 दिसंबर (हि.स)। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) की बिक्री पेशकश (ओएफएस) गैर-खुदरा निवेशकों के लिए 34 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर बुधवार को अभिदान के लिए खुली। वहीं, खुदरा निवेशकों के लिए बिक्री पेशकश गुरुवार को खुलेगी।

इंडियन ओवरसीज बैंक के शेयर बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज (बीएसई) पर शुरुआती कारोबार में 5.4 फीसदी गिर गए, जबकि इंट्रा-डे में 34.57 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर पर पहुंच गए। शेयर में यह बिकवाली का दबाव तब आया जब सरकार ने ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए बैंक की 3 फीसदी तक इक्विटी बेचने का प्रस्ताव दिया। शेयर बिक्री विवरण के अनुसार खुदरा निवेशकों के लिए बिक्री पेशकश गुरुवार को खुलेगी।

वित्‍त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) सचिव के मुताबिक सरकार ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) में तीन फीसदी तक हिस्सेदारी का विनिवेश बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिए करने का फैसला किया है। सरकार न्यूनतम मूल्य पर तीन फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 1,960 करोड़ रुपये जुटाएगी। इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के ओएफएस के लिए न्यूनतम मूल्य 34 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है।

वहीं, आईओबी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया कि सरकार मूल पेशकश के तहत दो फीसदी हिस्सेदारी के बराबर 38.51 करोड़ शेयर बेचेगी। इसके अलावा ‘ग्रीन शू’ विकल्प यानी अतिरिक्त बोली आने पर उसे रखने के तहत अतिरिक्त एक फीसदी हिस्सेदारी के बराबर 19.25 करोड़ शेयर भी बेचने का विकल्प रखा गया है। कुल मिलाकर यह बैंक की चुकता इक्विटी पूंजी का तीन फीसदी है। आईओबी का शेयर मंगलवार को बीएसई पर 1.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36.57 रुपये पर बंद हुआ था।

बैंक ने बताया कि ओएफएस के तहत 1.5 लाख शेयर (करीब 0.001 फीसदी हिस्सेदारी) पात्र कर्मचारियों के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं। वहीं, पात्र कर्मचारी सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी पर अधिकतम पांच लाख रुपये तक के शेयरों के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह विनिवेश न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी नियमों के अनुरूप है, जिसके तहत सूचीबद्ध कंपनियों में कम-से-कम 25 फीसदी हिस्सेदारी जनता के पास होना अनिवार्य है।

उल्‍लेखनीय है कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों को इस नियम पर खरा उतरने के लिए अगस्त, 2026 तक की छूट दी है। फिलहाल चेन्नई स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 94.61 फीसदी है। आईओबी के अलावा पंजाब एंड सिंध बैंक में 93.9 फीसदी, यूको बैंक में 91 फीसदी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 89.3 फीसदी सरकार की हिस्सेदारी तय सीमा से अधिक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर