फरवरी में कोयला उत्पादन और रवानगी में इजाफा
नई दिल्ली, 05 मार्च (हि.स.)। देश में फरवरी, 2024 के दौरान कुल कोयला उत्पादन में भारी इजाफा दर्ज हुआ है। कोयला मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी अस्थाई आंकड़ों में यह जानकारी दी है।
कोयला मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक फरवरी 2024 में 96.60 मिलियन टन (एमटी) (अनंतिम) कोयला का उत्पादन हुआ जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में कोयला उत्पादन 86.38 मीट्रिक टन रहा था। मंत्रालय के मुताबिक फरवरी में कोयला उत्पादन में सालाना आधार पर 11.83 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है।
मंत्रालय के मुताबिक कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन फरवरी 2024 में 8.69 फीसदी की वृद्धि के साथ 74.76 मिलियन टन (अनंतिम) रहा है जबकि फरवरी 2023 में यह 68.78 मिलियन टन था। चालू वित वर्ष 2023-24 में संचयी कोयला उत्पादन (फरवरी 2024 तक) 880.72 मिलियन टन (अनंतिम) रहा है जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि के दौरान 785.39 मिलियन टन कोयला का उत्पादन हुआ था। इस प्रकार यह 12.14 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है।
कोयला मंत्रालय ने बताया कि फरवरी 2024 में कोयला प्रेषण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। ये बढ़कर 84.78 मिलियन टन (अनंतिम) तक पहुंच गया है जबकि फरवरी 2023 में यह 74.61 मिलियन टन रहा था। इस तरह इसमें 13.63 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस दौरान कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने कोयले के प्रेषण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और फरवरी 2024 में 65.3 मिलियन टन (अनंतिम) प्रेषण किया है जबकि फरवरी 2023 में 58.28 मिलियन टन कोयले का प्रेषण हुआ था। इस प्रकार इसमें 12.05 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में संचयी कोयला प्रेषण (फरवरी 2024 तक) बढ़कर 882.44 मिलियन टन (अनंतिम) तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में इसी अवधि के दौरान 794.41 मिलियन टन के प्रेषण की तुलना में 11.08 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।
कोयला मंत्रालय के मुताबिक ये उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को समर्थन देने के लिए स्थिर कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने में सभी हितधारकों के ठोस प्रयासों को रेखांकित करती हैं। मंत्रालय ने कहा कि चूंकि राष्ट्र आत्मनिर्भरता और सतत विकास के दृष्टिकोण का अनुपालन कर रहा है, इसलिए कोयला उद्योग विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के प्रति अपने समर्पण में मजबूती से खड़ा़ है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल