वित्त मंत्री 24 से 28 सितंबर तक उज्बेकिस्तान के आधिकारिक दौरे पर जाएंगी
नई दिल्ली, 23 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण 24 से 28 सितंबर तक उज्बेकिस्तान की पांच दिवसीय आधिकारिक दौरे पर जाएंगी। इस दौरान वह एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की नौवीं वार्षिक बैठक में भाग लेंगी। निर्मला सीतारमण के साथ वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री उज्बेकिस्तान की पांच दिवसीय आधिकारिक दौरे पर जाएंगी। इस दौरान वो 25 और 26 सितंबर, 2024 को समरकंद में निर्धारित एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की नौवीं वार्षिक बैठक में भाग लेंगी। इसके अलावा वह उज्बेकिस्तान, कतर, चीन के अपने समकक्षों और एआईआईबी अध्यक्ष के साथ अन्य महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकों में भी भाग लेंगी।
मंत्रालय के मुताबिक एआईआईबी की वार्षिक बैठक में वित्त मंत्री एआईआईबी के भारतीय गवर्नर के रूप में भाग लेंगी। भारत इस बैंक का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। सीतारमण की आधिकारिक यात्रा के हिस्से के रूप में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव से मिलने की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर हस्ताक्षर करेंगी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक बीआईटी पर वित्त मंत्री सीतारमण और उज्बेकिस्तान के निवेश, उद्योग और व्यापार मंत्री द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस संधि का उद्देश्य दीर्घकालिक आधार पर दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए अधिक व्यापक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा वित्त मंत्री भारत-उज्बेकिस्तान व्यापार मंच की चर्चाओं में भी भाग लेंगी, जिसका आयोजन दोनों देशों के उद्योगपतियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि उपरोक्त कार्यक्रमों के अलावा निर्मला सीतारमण समरकंद स्टेट यूनिवर्सिटी और ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री स्मारक का भी दौरा करेंगी। वित्त मंत्री विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रवासी भारतीयों से भी बातचीत करेंगी।
उल्लेखनीय है कि एआईआईबी की वार्षिक बैठक में करीब 80 देशों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधिमंडल भाग लेते हैं। एक बहुपक्षीय विकास बैंक के रूप में एआईआईबी एशिया में टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास और बुनियादी ढांचे और अन्य उत्पादक क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, ताकि टिकाऊ आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके, धन का सृजन किया जा सके और बुनियादी ढांचे की कनेक्टिविटी में सुधार किया जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर