कैट ने कहा, जीएसटी में राहत एक बड़ा सकारात्मक कदम, व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

 




-कैट ने जीएसटी नोटिस की ब्याज और पेनाल्टी में छूट का किया स्वागत

नई दिल्ली, 23 जून (हि.स.)। कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल का व्यापार करने में आसानी प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा सकारात्मक कदम है। यानी आसानी प्रदान करने से व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और भाजपा सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को कहा कि जीएसटी काउंसिल में किए गए महत्वपूर्ण घोषणाएं केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल का व्यापार करने में आसानी प्रदान करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि जीएसटी कराधान को और अधिक सरल और तर्कसंगत बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन राहतों से व्यापारियों को भारी वित्तीय बोझ से मुक्ति मिलेगी।

खंडेलवाल ने कहा कि यह सरकार की व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक कदम उठाने की सोच को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ब्याज और पेनाल्टी में छूट, इनपुट टैक्स क्रेडिट की समय-सीमा का विस्तार और मुकदमेबाजी और पूर्व-डिपॉजिट आवश्यकताओं में कमी से करदाताओं को बहुत जरूरी राहत मिलेगी। ये उपाय अनुपालन को बढ़ावा देंगे और व्यापारिक समुदाय, विशेष रूप से एमएसएमई को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं की लागत को कम करने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त छूट और सिफारिशें आर्थिक वृद्धि और करदाता समर्थन के प्रति एक संतुलित और विचारशील दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।

कैट महामंत्री ने कहा कि देशभर के एमएसएमई और व्यापारी उच्च मांगों के मामलों में अपील के लिए नहीं जा सके, क्योंकि अपील दायर करने से पहले पूर्व-डिपॉजिट की अनिवार्य आवश्यकता थी। जीएसटी काउंसिल ने अब जीएसटी के तहत अपील दायर करने के लिए आवश्यक पूर्व-डिपॉजिट की मात्रा को कम करने की सिफारिश की है। यह करदाताओं को महत्वपूर्ण वित्तीय राहत प्रदान करेगा और किसी भी अनिश्चितता को समाप्त करेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने एक जुलाई, 2017 से अधिकृत संचालन के लिए एसईजेड इकाई/डेवलपर द्वारा आयात पर लगाए गए मुआवजा उपकर को छूट देने की सिफारिश की है। इससे एसईजेड उत्पाद लागत-प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी दरों में बदलाव एवं छूट देने के साथ ही कारोबारियों को भी कुछ राहत प्रदान की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/रामानुज