डचेपल्ली पब्लिशर्स ने किया निराश, गिरावट के साथ हुई शेयरों की लिस्टिंग

 


नई दिल्ली, 30 दिसंबर (हि.स.)। पब्लिशिंग सेक्टर की कंपनी डचेपल्ली पब्लिशर्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में कमजोर एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 102 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 81.60 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण थोड़ी ही देर में कंपनी के शेयर लुढ़क कर 77.55 रुपये के स्तर तक पहुंच गए। हालांकि, इसके बाद खरीदारों ने लिवाली शुरू कर दी, जिसके कारण दोपहर 1 बजे ये शेयर 80 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इस तरह अभी तक के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 22 रुपये यानी 21.57 प्रतिशत का नुकसान हो चुका था।

डचेपल्ली पब्लिशर्स का 40.39 करोड़ रुपये का आईपीओ 22 से 24 दिसंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से फीका रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 1.97 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 1.29 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 3.04 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.90 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 39,60,000 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी पुराने कर्ज के बोझ को कम करने, अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 47 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 3.32 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 7.56 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। मौजूदा वित्त वर्ष की बात करें, 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के दौरान कंपनी को 7.62 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।

इस दौरान कंपनी की आय 26 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 64.25 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के दौरान कंपनी को 40.36 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। इस दौरान कंपनी पर कर्ज का बोझ भी बढ़ता गया। 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के अंत में कंपनी पर 41.24 करोड़ रुपये का कर्ज था।

इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 10.32 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 13.64 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 16.31 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के अंत में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 23.93 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक