केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने पूर्वोत्तर से कानूनी, टिकाऊ खनन प्रथाओं को बढ़ावा देने का आग्रह किया

 


नई दिल्ली, 27 जून (हि.स)। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शुक्रवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, नवाचार को बढ़ावा देने और टिकाऊ खनन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

रेड्डी ने गुवाहाटी के सोनापुर में आयोजित दूसरे पूर्वोत्तर खनन मंत्रियों के सम्मेलन में यह बात कही। रेड्डी ने कहा, “हमारा लक्ष्य राज्य सरकारों, अन्वेषण एजेंसियों और सार्वजनिक उपक्रमों के साथ संयुक्त प्रयासों के माध्यम से पूर्वोत्तर में खनन गतिविधियों को बढ़ावा देना है।”

उन्होंने अपने संबोधन में भूस्खलन जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला, जो अक्सर इस क्षेत्र को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा, भूस्खलन गतिविधियों को रोकने के लिए भारत सरकार, उसके सार्वजनिक उपक्रमों और अन्वेषण एजेंसियों के बीच आज विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम खनन क्षेत्र में पूर्वोत्तर राज्यों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं।

रेड्डी ने ‘एक्‍स’ पोस्‍ट में लिखा कि ये सम्मेलन स्थायी खनन, व्यापार करने में आसानी और केंद्र-राज्य तालमेल को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में भविष्य के निवेश, नवाचार और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि उनकी सरकार जल्द ही एक व्यापक आदेश जारी करेगी, जिसमें केंद्र को असम की खनन क्षमता का पता लगाने की अनुमति दी जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर