भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनें निवेशकः निर्मला सीतारमण
इंचियोन/नई दिल्ली, 04 मई (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘अमृतकाल’ में भारत की आर्थिक विकास गाथा में शामिल होने का निवेशकों को निमंत्रण दिया। वित्त मंत्री ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया के इंचियोन में निवेशकों की गोलमेज बैठक को संबोधित करते हुए भारत में हुए हाल के सुधारों का जिक्र भी किया।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक मंत्री ने निवेशकों को ‘अमृतकाल’ में भारत की उस आर्थिक विकास गाथा में शामिल होने का निमंत्रण दिया, जो वृद्धि और निवेश के नए-नए अवसरों से भरा है। उन्होंने निवेशकों के साथ बैठक में कहा कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए महामारी और भू-राजनीतिक संघर्षों से उत्पन्न प्रतिकूल हालात का सामना करते हुए उम्मीद की किरण के रूप में खड़ा है।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि विकासशील सदस्य देशों को कर्ज देने के मामले में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) को नवोन्मेषी, जोखिम आधारित रुख की संभावना टटोलने की जरूरत है और भारत इसके लिए उसे प्रोत्साहित करता रहा है। सीतारमण ने एशियाई विकास बैंक के संचालन मंडल के पूर्ण सत्र की बैठक में एडीबी चार्टर से कर्ज सीमा हटाने और संचालन मंडल के अनुमोदन वाले पूंजी पर्याप्तता ढांचे (सीएएफ) में सीमा बदलाव को लेकर भारत के समर्थन की बात कही।
इस बीच सीतारमण ने एडीबी की 56वीं वार्षिक बैठक से इतर दक्षिण कोरिया के उप-प्रधानमंत्री और अर्थव्यवस्था तथा वित्त मामलों के मंत्री चू क्यूंग-हो से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्हें निवेश अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने फिजी के उप-प्रधानमंत्री बिमान चंद प्रसाद के साथ अलग से बैठक की। उन्होंने इस वर्ष फरवरी में फिजी के नाडी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए फिजी सरकार की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि भारत की आजादी के 100 साल पूरा होने तक इसे आधुनिक राष्ट्र बनाने की दिशा में जारी 25 साल की अवधि को ‘अमृतकाल’ कहा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2021 में 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान पहली बार अमृतकाल शब्द का इस्तेमाल किया था इसका उद्देश्य भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाना और गांवों और शहरों के बीच विकास की खाई को पाटना है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल