रियल एस्टेट सेक्टर को मिली जान, निवेशकों का बढ़ा रुझान
- अप्रैल-जून के बीच 10 हजार करोड़ से ज्यादा प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टमेंट
नई दिल्ली, 12 जुलाई (हि.स.)। लंबे समय से गिरावट का सामना कर रहे देश के रियल एस्टेट सेक्टर को जान मिलती नजर आने लगी है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट हुआ है। इन 3 महीने की अवधि में प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट में पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में करीब 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रियल एस्टेट सेक्टर पर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से जून अवधि के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर में करीब 70.40 करोड़ डॉलर का प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट हुआ था, लेकिन इस साल इन 3 महीनों में 130 करोड़ डॉलर यानी करीब 10,700 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इस अवधि के दौरान सबसे अधिक करीब 66 प्रतिशत प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट कमर्शियल और ऑफिस एसेट्स में हुआ है। जबकि प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट में रेजिडेंशियल एसेट्स की हिस्सेदारी कम रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट में ज्यादातर निवेशकों ने दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और हैदराबाद की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया। इन तीन क्षेत्रों में प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टमेंट की हिस्सेदारी करीब 63 प्रतिशत रही है। ये निवेश पूरी तरह से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के जरिए किया गया। इस वजह से रियल एस्टेट सेक्टर को काफी गति मिली है।
रियल स्टेट एक्सपर्ट और कंसल्टिंग फर्म सैविल्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर दिवाकर राणा के मुताबिक रियल एस्टेट सेक्टर में प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट बढ़ने से वर्किंग स्पेस, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे सेगमेंट्स को काफी सहारा मिला है। इसके साथ ही बड़ी विकास परियोजनाओं को भी रफ्तार पकड़ने में मदद मिली है। उनके मुताबिक इस निवेश की वजह से जिन निवेशकों ने पिछले कुछ सालों के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर से दूरी बना ली थी, उनका भी उत्साह बढ़ा है। इसके कारण आने वाले दिनों में इस सेक्टर के तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद बनने लगी है।
हिन्दुस्थान समाचार/योगिता/पवन