सरकार ने शुरू की 'जलवाहक' योजना, नदियों के जरिए होगी कार्गो की ढुलाई

 


-‘जलवाहक’ योजना से आंतरिक जलमार्गों और कार्गो मूवमेंट को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए माल की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए ‘जलवाहक’ योजना की शुरुआत की है। केंद्रीय बंदरगाह, पोत-परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को तीन मालवाहक जहाजों को हरी झंडी दिखाकर इस सर्विस का उद्घाटन किया।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तीन मालवाहक जहाजों की निर्धारित अनुसूचित सेवा का उद्घाटन के बाद कहा कि यह योजना राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा), 2 (ब्रह्मपुत्र) और 16 (बराक नदी) पर टिकाऊ और लागत प्रभावी परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत पश्चिम बंगाल से लेकर पटना, बनारस और गुवाहाटी तक जलमार्ग के जरिए माल की ढुलाई अब रेलवे की मालगाड़ी से भी सस्ती पड़ेगी।

सोनोवाल ने कहा कि योजना का उद्देश्य अंतर्देशीय जलमार्गों की व्यापार क्षमता को खोलने के साथ-साथ रसद लागत को कम करना और सड़क और रेल नेटवर्क पर भीड़भाड़ कम करना है। उन्‍होंने बताया कि इस योजना के तहत जलमार्गों के जरिए 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तक माल परिवहन करने वाले कार्गो मालिकों को परिचालन लागत पर 35 फीसदी तक की प्रतिपूर्ति मिलेगी।

मंत्री ने कहा कि इस योजनाओं का उद्देश्य 95.4 करोड़ के निवेश के साथ 800 मिलियन टन किलोमीटर के मॉडल शिफ्ट को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत पहला जहाज-एमवी त्रिशूल दो डंब बार्ज अजय और दीखू के साथ-1500 टन सीमेंट कोलकाता के जीआर जेट्टी से गुवाहाटी के पांडु तक आईबीपीआर के माध्यम से ले जा रहा है। दूसरा जहाज-एमवी एएआई-1000 टन जिप्सम को पटना ले जा रहा है, जबकि तीसरा जहाज-एमवी होमी भाभा -200 टन कोयला वाराणसी ले जा रहा है।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने जारी बयान में बताया कि यह योजना तीन वर्षों तक वैध रहेगी। इस योजना को प्रमुख माल ढुलाई कंपनियों, माल ढुलाई प्रेषकों और व्यापार निकायों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को अनुकूलित करने के लिए तैयार किया गया है। मंत्रायल के मुताबिक इसको भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और भारतीय शिपिंग निगम की अनुषंगी कंपनी अंतर्देशीय और तटीय शिपिंग लिमिटेड (आईसीएसएल) द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर