छह महीने में व्‍यापक समीक्षा के साथ संशोधित प्रत्‍यक्ष कर संहिता लाएगी सरकार : राजस्व सचिव

 




मल्होत्रा ने कहा-कराधान के प्रति दृष्टिकोण टकराव की बजाय सहयोग की शैली में होगा

नई दिल्‍ली, 25 जुलाई (हि.स.)। वित्‍त मंत्रालय के राजस्‍व सचिव संजय मल्‍होत्रा ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार प्रत्‍यक्ष कर संहिता की व्‍यापाक समीक्षा की दिशा में काम कर रही है। इसको आंतरिक समिति के द्वारा तैयार किया जाएगा, फिर अगले छह महीनों के भीतर हितधारकों के परामर्श के लिए साझा किया जाएगा।

संजय मल्होत्रा ने यहां केंद्रीय बजट 2024-25 पर भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के एक संवादात्मक सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे पास परामर्श प्रक्रिया होगी और यह कैसे होगा, यह हम तय करेंगे। राजस्‍व सचिव ने कहा कि हम कार्यान्वयन के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहेंगे।

मल्‍होत्रा ने कहा कि सरकार करों के कार्यान्वयन के लिए परेशानी मुक्त, सरल और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रयास जारी रखेगी। उन्‍होंने कहा कि कराधान के प्रति हमारा दृष्टिकोण हमेशा सहयोग की शैली में रहा है, जो आगे भी रहेगा, टकराव की नहीं। राजस्‍व सचिव ने कहा कि नीतिगत और क्रियान्वयन दोनों ही दृष्टि से हमारे प्रस्तावों का उद्देश्य हां से भी कर देय है, वहां से कर को एकत्र करना है, लेकिन ऐसा इस तरह से करना है कि करदाताओं को सम्मान और विश्वास मिले तथा कर संग्रह सहज और परेशानी रहित तरीके से हो।

केंद्रीय बजट 2024-25 के व्यापक विषयों पर प्रकाश डालते हुए मल्होत्रा ने कहा कि बजट में पूरा प्रयास ये किया गया है कि करदाताओं के लिए कर प्रक्रिया को कैसे सरल बनाया जाए। उन्‍होंने कहा कि अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर एंजल टैक्स को समाप्त करना, कानूनों को कराधमुक्त करना, शुल्कों में कमी करना कुछ ऐसे प्रस्ताव बजट में हैं, जिनसे उद्योग जगत को लाभ होगा। इसके अलावा फिक्‍की के बजट प्रस्तावों की व्याख्या पर आयोजित इस कार्यक्रम को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने संबोधित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर / रामानुज