'डीपफेक' पर लगाम के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एडवाइजरी जारी
- सरकार ने ‘डीपफेक’ पर लगाम के लिए डिजिटल मंचों के लिए जारी की सलाह
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने ‘डीपफेक’ की समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाया है। डीपफेक को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सभी ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को आईटी नियमों का पालन करने के लिए सलाह जारी की गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन करने के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को एडवाइजरी जारी की है। यह सलाह वीडियो में छेड़छाड़ से संबंधित ‘डीपफेक’ और कृत्रिम मेधा (एआई) के जरिए गलत सूचना के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच जारी की गई है।
मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक केंद्र सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को नियमों का पालन करना होगा। आईटी मंत्रालय ने प्लेटफार्मों को बताया कि आईटी नियमों के तहत अनुमति नहीं दी गई कंटेंट को यूजर्स को स्पष्ट रूप से सूचित करना होगा। यह सलाह आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा मध्यस्थों के साथ की गई चर्चा का परिणाम है।
मंत्रालय के मुताबिक आईटी नियमों के तहत ऐसी सामग्री के बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट एवं सटीक ढंग से सूचित किया जाना चाहिए, जिनकी अनुमति नहीं है। उपयोगकर्ता के पहली बार पंजीकरण करने के समय भी इसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए। यह निर्देश खासतौर पर एआई और डीपफेक की मदद से गलत सूचना के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंताओं से संबंधित हैं।
आईटी मंत्रालय की जारी सलाह के मुताबिक डिजिटल प्लेटफॉर्मों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आईटी अधिनियम, 2000 जैसे दंडात्मक प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जाए। इसके साथ ही ऑनलाइन मंचों के उपयोग की सेवा शर्तों और उपयोगकर्ता समझौतों में स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए कि प्रासंगिक भारतीय कानूनों के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कानूनी उल्लंघनों की जानकारी देना मध्यस्थों या मंचों का दायित्व है।
इसके अलावा ऑनलाइन मंचों का यह भी दायित्व होगा कि वे उपयोगकर्ताओं को डिजिटल मध्यस्थों पर निषिद्ध सामग्री से संबंधित किसी भी सूचना को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, संग्रहीत करने, अपडेट करने या साझा करने से रोकने के लिए उचित प्रयास करें।
उल्लेखनीय है कि ‘डीपफेक’ का मतलब इंटरटेनट पर उपलब्ध सामग्री में छेड़छाड़ कर उसे गलत ढंग से पेश करना है। इसमें कृत्रिम मेधा के जरिए किसी भी व्यक्ति को गलत ढंग से पेश करने या उसका प्रतिरूपण करने के लिए डिजिटल हेराफेरी की जाती है। हाल ही में कुछ फिल्मी हस्तियों को डीपफेक की मदद से निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इस घटना के बाद सरकार ने इस संबंध में सलाह जारी की है।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर/प्रभात