वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 फीसदी रहा
नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 फीसदी रहा। वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी राजकोषीय घाटा इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है। यह सरकार के लक्ष्य के अनुसार है।
सीजीए ने जारी आंकड़ों में बताया कि राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 फीसदी रहा है। हालांकि प्रभावी राजस्व घाटा जीडीपी का 2.8 फीसदी रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2023-24 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 फीसदी पर सीमित करने का लक्ष्य रखा है। दरअसल, सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल