विमान सेवा को लेकर भारत-चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने के आसार, जल्द शुरू हो सकती है सीधी उड़ान

 




- भारत सरकार की शर्तों को लेकर चीन ने दिए सकारात्मक संकेत

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। भारत और चीन के बीच सीधी विमान सेवा शुरू करने के प्रस्ताव को जल्द हरी झंडी मिल सकती है। कोरोना महामारी फैलने के बाद से ही दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा बंद है। हालांकि चीन की सरकार लंबे समय से विमान सेवा को दोबारा बहाल करने की कोशिश कर रही है लेकिन भारत सरकार की ओर से द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर लगाई गई कई शर्तों की वजह से अभी तक विमान सेवा शुरू नहीं हो सकी है। माना जा रहा है कि अब चीन की सरकार ने भारत सरकार की ओर से रखी गई कई शर्तों को मानने का संकेत दिया है। इसके बाद भारत सरकार जल्दी ही दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 12 सितंबर को नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू और चीन के सिविल एविएशन एडमिनिस्ट्रेटर सोंग झियोंग के बीच दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा को दोबारा शुरू करने के मसले पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने विमान सेवा शुरू करने की शर्तों में द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े कई अहम मसले भी उठाए थे। बताया जा रहा है कि चीन सरकार ने भारत की ओर से उठाए गए मसलों पर सकारात्मक रुख अपनाने का संकेत दिया है। इसके साथ ही जल्दी ही दोनों पक्षों की एक और मीटिंग करने का आग्रह किया है। चीन की सरकार की ओर से दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू करने और द्विपक्षीय रिश्तों को मधुर बनाने के लिए खुले मन से बातचीत शुरू करने की बात भी कही गई है।

उल्लेखनीय है कि 2020 में कोरोना महामारी फैलने के बाद सामान्य उड़ानों की तरह चीन और भारत के बीच की सीधी विमान सेवा को भी बंद कर दिया गया था। हालांकि चीन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए कुछ स्पेशल फ्लाइट्स की अनुमति दी गई थी, लेकिन इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच की सीधी विमान सेवा बंद पड़ी हुई है। कोरोना महामारी पर काबू पाने के बाद भारत और ज्यादातर दूसरे देशों के बीच की सीधी विमान सेवा एक बार फिर बहाल कर दी गई है, लेकिन चीन और भारत के बीच की सीधी विमान सेवा पर अभी भी रोक लगी हुई है।

दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा नहीं होने की वजह से अभी चीन से भारत आने और जाने के लिए लोगों को थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया या फिर हॉन्गकॉन्ग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन जैसे किसी तीसरे देश से होते हुए सफर करना पड़ता है, जिससे लोगों का यात्रा का खर्च तो बढ़ता ही है, यात्रा में लगने वाला समय भी काफी अधिक हो जाता है।

बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच विमान सेवा के रुक जाने के कारण चीन के कारोबारियों को विशेष रूप से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि चीन की सरकार लंबे समय से भारत सरकार से दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा को एक बार फिर पूरी क्षमता के साथ शुरू करने का आग्रह कर रही है। माना जा रहा है कि अगर भारत सरकार की ओर से रखी गई शर्तों को चीन की सरकार मान लेती है तो दोनों देशों के बीच एक बार फिर डायरेक्ट फ्लाइट की सुविधा बहाल हो जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक