सीबीडीटी ने टैक्सपेयर्स को फर्जी कटौती के दावों के खिलाफ किया आगाह
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (हि.स)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फर्जी कटौती और छूट के दावों पर रोक लगाने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। सीबीडीटी ने इसी कड़ी में फर्जी डोनेशन क्लेम पर अलर्ट जारी किया है और टैक्सपेयर्स को एसएमएस और ईमेल के जरिए चेतावनी दी है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि सीबीडीटी ने फजी दान रैकेट और संदिग्ध बिचौलियों का पता चलने के बाद आयकरदाताओं से कहा है कि वे स्वेच्छा से फर्जी कटौती का दावा वापस ले लें। विभाग ने कहा कि ऐसे गलत दावे से न सिर्फ जांच शुरू हुई है, बल्कि इस साल आयकर रिटर्न (आईटीआर) की प्रोसेसिंग धीमी हुई है और रिफंड में भी देरी हुई है। आयकर विभाग इसके लिए 12 दिसंबर से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल पर एसएमएस और ईमेल एडवाइजरी भेज रहा है।
मंत्रालय के मुताबिक सीबीडीटी ने करदाताओं को सख्त कार्रवाई से पहले स्वेच्छा से अपने आईटीआर को ठीक करने के लिए कहा है। दरअसल आयकर विभाग ने कई ऐसे बिचौलियों पर कार्रवाई की है, जो इनकम टैक्स एक्ट के तहत डिडक्शन और छूट के फर्जी दावों के साथ आईटीआर फाइल करने में शामिल थे। आयकर विभाग ने नकली कटौती और छूट के साथ आईटीआर फाइल करने में शामिल बिचौलियों के एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इन बिचौलियों ने करदाताओं को गैर-कानूनी तरीके से अपनी टैक्स देनदारी कम करने और धोखाधड़ी वाले रिफंड का दावा करने में मदद की।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक आयकर विभाग की इस जांच में पता चला कि कुछ बिचौलियों ने कमीशन के आधार पर गलत दावे के साथ आयकर रिटर्न को फाइल करने के लिए पूरे भारत में अपने एजेंटों का नेटवर्क बनाया हुआ है। यह देखा गया कि रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों या चैरिटेबल संस्थानों को डोनेशन के नाम पर बड़ी मात्रा में फर्जी क्लेम किए गए हैं और अपने टैक्स की देनदारी कम की है और फर्जी रिफंड का भी दावा किया है।
सीबीडीटी ने संदिग्ध दावे का जल्दी पता लगाने और हाई-रिस्क बिहेवियर पैटर्न की पहचान करने के लिए अपने डेटा-ड्रिवन अप्रोच को मजबूत किया है। ऐसा ही एक रिस्क पैटर्न उन करदाताओं के लिए पहचाना गया है, जिन्होंने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80जीजीसी या 80जी के तहत क्लेम किया है। बोर्ड ने कहा कि बड़ी संख्या में करदाताओं ने पहले ही मौजूदा आकलन वर्ष 2025-26 के लिए अपने आईटीआर रिवाइज कर लिए हैं और पिछले सालों के लिए अपडेटेड आयकर रिटर्न फाइल किए हैं।
आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए एक खास एनयूडीजीई कैंपेन शुरू किया है, ताकि उन्हें अपने आईटीआर को अपडेट करने और अगर कोई गलत दावे किया है तो उसे वापस लेने का मौका मिल सके। इसके लिए 12 दिसंबर से ऐसे करदाताओं को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल पर एसएमएस और ई-मेल एडवाइजरी भेजी जा रही हैं।
सीबीडीटी ने अपने एडवाइजरी में कहा कि सभी करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे यह पक्का करें कि डिपार्टमेंट के पास रिटर्न फाइलिंग में सही मोबाइल और ईमेल आईडी दिए गए हों, ताकि उनसे कोई भी कम्युनिकेशन छूट न जाए। आयकर विभाग ने कहा कि डिडक्शन के नियमों और अपडेटेड आयकर रिटर्न फाइल करने के बारे में ज्यादा जानकारी www.incometax.gov.in पर उपलब्ध है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर