सीबीडीटी ने आकलन वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फॉर्म अधिसूचित किया
नई दिल्ली, 15 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म को अधिसूचित कर दिया है। सीबीडीटी ने अधिसूचना संख्या 04 और 05 दिनांक 10.02.2023 और 14.02.2023 के माध्यम से इस फॉर्म को अधिसूचित किया है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि सीबीडीटी ने आकलन वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फॉर्म को अधिसूचित किया है। विभाग के मुताबिक आईटीआर फॉर्म 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे। सीबीडीटी ने करदाताओं को आगामी आकलन वर्ष 2023-24 की शुरुआत से आयकर रिटर्न दाखिल करने में सुविधा के लिए इस बार फॉर्म को बहुत पहले अधिसूचित किया है।
मंत्रालय के मुताबिक करदाताओं की सुविधा के लिए और आयकर रिटर्न को दाखिल करने में आसानी के लिए पिछले साल के आईटीआर फॉर्म की तुलना में नया आईटीआर फॉर्म में इस बार कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया गया है। सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम-1961 में संशोधनों के कारण केवल न्यूनतम परिवर्तन किए हैं।
सीबीडीटी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आईटीआर फाइलिंग प्रक्रिया को और अधिक कारगर बनाने के लिए सभी आईटीआर फॉर्मों को इस साल न केवल समय पर अधिसूचित किया गया है बल्कि पिछले साल की तुलना में आईटीआर फॉर्म भरने के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आकलन वर्ष 2023-24 के लिए अधिसूचित आईटीआर फॉर्म आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in पर भी उपलब्ध होंगे।
-आईटीआर फॉर्म संख्या-1 (सहज):- यह फॉर्म छोटे और मझोले करदाताओं के लिए है। इस फॉर्म को 50 लाख रुपये तक की आय वाले लोग भर सकते हैं। यह सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी या दूसरे सोर्स (ब्याज आदि) से प्राप्त कमाई के लिए होता है। इसके अलावा ब्याज से होने वाला इनकम और डिविडेंड इनकम तथा कृषि से सलाना 5 हजार रुपये तक आय वाले लोग भी आईटीआर फॉर्म-1 के जरिए आयकर रिटर्न भर सकते हैं।
-आटीआर फॉर्म संख्या-2:- यह आयकर रिटर्न फॉर्म जिसको म्यूचुअल फंड, स्टॉक या फिर अचल संपत्तियों की बिक्री से कैपिटल गेन का लाभ होता है, इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा जिनके पास एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी है। ऐसे करदाता भी आईटीआर -2 फॉर्म को दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, आईटीआर-2 से वे लोग आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते, जिन्हें व्यवसाय या पेशे से लाभ होता है।
-आटीआर फॉर्म संख्या-3:- आयकर रिटर्न का फॉर्म संख्या-3 उन व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए है, जिन्हें लाभ से इनकम होती है। इसके साथ ही व्यवसाय से लाभ वाले भी इस फॉर्म के जरिए आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।
-आटीआर फॉर्म संख्या-4 (सुगम) :- आईटीआर-4 को सुगम के तौर पर भी जाना जाता है। यह फॉर्म उनके लिए है, जिनकी व्यवसाय और पेशे से कुल आय 50 लाख रुपये तक होती है। यह फॉर्म किसी ऐसे व्यक्ति के लिए नहीं है, जो या तो किसी कंपनी में निदेशक है अथावा उसने गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया है।
इसके अलावा आईटीआर-5 फॉर्म को (सीमित देयता भागीदारी) एलएलपी वाले आयकरदाता और आईटीआर-6 फॉर्म बिजनेस से इनकम वालों और आयकर की धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियां भी आईटीआर फॉर्म संख्या 6 का इस्तेमाल कर सकती है।
वहीं, आईटीआर-7 फॉर्म आयकर अधिनियम के तहत छूट वाली आय का दावा करने वाले ट्रस्ट, राजनीतिक दल, धर्मार्थ संस्थान आदि आईटीआर भरने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 में आयकरदाताओं को सात लाख तक की इनकम में छूट का प्रावधान किया है। बजट प्रावधान के मुताबिक यह लाभ उन्हीं करदाताओं को मिलेगा, जिनकी कुल इनकम 7 लाख रुपये तक है। बजट में यह प्रस्तावित है कि नई प्रस्तावित आयकर रिजीम का चुनाव करने वालों को सात लाख रुपये तक की आय पर छूट का लाभ मिलेगा लेकिन पुरानी स्कीम का चुनाव करने वालों को इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल