वित्त मंत्री का समुद्री क्षेत्र के लिए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विकसित करने का आह्वान

 




मुंबई/नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में समुद्री क्षेत्र के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र बनाने की जरूरत बताई है। उन्होंने इसके लिए क्षमता और कानूनी प्रणाली के विकास का आह्वान किया है।

सीतारमण ने गुरुवार को ग्लोबल मैरीटाइम इंडियन समिट 2023 के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए यह बात कही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम समुद्री और भूमि मार्गों के माध्यम से यूरोप और पश्चिम एशियाई गणराज्यों तक पहुंचने पर विचार कर रहे हैं और इससे रसद लागत में कमी आएगी।सीतारमण ने कहा कि पीएम मोदी ने मैरीटाइम क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने का एक सचेत प्रयास किया है। इनमें नीली अर्थव्यवस्था यानी भारत के लिए समुद्री चिंताएं, भारतीय ध्वज के साथ जहाजों को रखना, जनशक्ति को प्रशिक्षित करना आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमें मध्यस्थता प्रक्रियाओं तथा कानूनों को सुधारने और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि वे वैश्विक मानकों के अनुरूप बन सकें।

वित्त मंत्री ने कहा कि विश्व बैंक की 2023 लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट कहती है कि भारतीय बंदरगाहों का टर्नअराउंड समय अब 0.9 दिन है, जो सिंगापुर के एक दिन से बेहतर है। इसी तरह यूएई का 1.1 दिन, जर्मनी का 1.3 दिन और अमेरिका का 1.5 दिन है। ऑस्ट्रेलिया के मामले में यह 1.7 दिन, रूस का 1.8 दिन और दक्षिण अफ्रीका का 2.8 दिन है। विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में भारत की समग्र रैंक भी 2014 के 54 से बढ़कर 2023 में 38 हो गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश/सुनीत