बजट 2023-24 में जरूरतों और आर्थिक सीमाओं का संतुलन रखा गया: सीतारमण

 






-वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान दिया जवाब

नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट 2023-24 पर चर्चा के दौरान उसकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। सीतारमण ने बजट पर विपक्ष के फूड सब्सिडी में कटौती के आरोप पर कहा कि इसमें कोई कटौती नहीं की गई है, बल्कि इसे दोगुना करके 1.97 लाख करोड़ कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने बजट को संतुलित बताते हुए कहा कि पूंजीगत व्यय बढ़ा दिया गया है, ताकि राजकोषीय घाटा नियंत्रित रहे।

सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह बजट राजकोषीय विवेक की सीमाओं के भीतर भारत के विकास की जरूरतों को संतुलित करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का पूरा खर्चा केंद्र सरकार वहन कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए कृषि लोन का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे किसानों को फायदा होगा।

बजट पर चर्चा के दौरान सीतारमण ने कहा कि करीब 10 लाख नौकरियां सरकार द्वारा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देश का हित सर्वोपरि है। भारत अभी विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। ऐसा आगे भी जारी रहेगा। सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि भ्रष्टाचार पर कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारें बिना सोचे समझे कदम उठाती हैं।

सीतारमण ने बजट पर चर्चा के दौरान हिमाचल प्रदेश की नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार को भी शपथ लेते ही पेट्रोल और डीजल पर वैट लगाने के लिए निशाने पर लिया। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान पिछले साल का बजट भाषण पढ़ने पर कहा कि ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी गलती कोई भी कर सकता है, लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए।

इससे पहले लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के तेजस्वी सूर्या ने कर्नाटक के लोगों के कल्याण के लिए कई सरकारी उपायों का उल्लेख किया। भाजपा सांसद किरीट सोलंकी ने कहा कि केंद्रीय बजट में गरीबों, महिलाओं, युवाओं और समाज के अन्य सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है। हालांकि, कांग्रेस सांसद एस तिरुनावक्करासरर ने कहा कि केंद्रीय बजट में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा की गई है। जनता दल (यूनाइटेड) के दिलेश्वर कामत ने कहा कि बजट में किसानों की आय दोगुनी करने और अन्य वादों की बात नहीं की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश/सुनीत