बांग्लादेश के राजनीतिक संकट से द्विपक्षीय व्यापार को जोरदार झटका लगने की आशंका
- भारत-बांग्लादेश सीमा पर दोनों ओर फंसे करीब 600 ट्रक
नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.)। भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले द्विपक्षीय व्यापार को बांग्लादेश के राजनीतिक संकट की वजह से जोरदार झटका लगने की आशंका बन गई है। बांग्लादेश के संकट के कारण दोनों देशों के व्यापारियों को एक झटके में करोड़ों रुपये का नुकसान होने का डर सताने लगा है। मौजूदा राजनीतिक संकट के कारण सुरक्षा वजहों से भारत और बांग्लादेश की सीमा सील कर दी गई है, जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच दैनिक जरूरत का सामान की आपूर्ति करने वाले करीब 600 ट्रक फंस गए हैं।
दोनों देशों के बीच सब्जी और अनाज से लेकर कपड़ा और मछली तक का आयात और निर्यात होता है। दक्षिण एशिया में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। इसी तरह एशिया महादेश में बांग्लादेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। बांग्लादेश के राजनीतिक संकट के बाद दोनों देशों के बीच जारी द्विपक्षीय व्यापार के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
जानकारों के अनुसार भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले द्विपक्षीय व्यापार में अभी तक भारत की भूमिका 'बिग ब्रदर' वाली रही है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान दोनों देशों के बीच 14 बिलियन डॉलर (करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार हुआ था। इसमें भारत ने लगभग दो बिलियन डॉलर का सामान बांग्लादेश से आयात किया था, जबकि 12 बिलियन डॉलर का सामान बांग्लादेश को निर्यात किया गया था। मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच के विपक्षीय व्यापार में और बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही थी लेकिन बांग्लादेश के संकट की वजह से इस द्विपक्षीय व्यापार पर तत्काल प्रभाव से रोक लग गयी है।
मार्केट एक्सपर्ट जयंत महापात्रा के मुताबिक भारत और बांग्लादेश के बीच प्रतिदिन करोड़ों रुपये का व्यापार होता है। बड़े सामान के अलावा दोनों देशों के बीच दैनिक जरूरत की चीजों का भी जमकर व्यापार होता है। बांग्लादेश से रोजाना बड़ी मात्रा में मछली का आयात किया जाता है। हिलसा मछली के उत्पादन में बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत में हिलसा मछली बड़े पैमाने पर आयात की जाती है। दूसरी ओर, भारत की ओर से रोजाना करोड़ों रुपये कीमत की सब्जियां और फल बांग्लादेश भेजे जाते हैं। इसके अलावा बांग्लादेश को भारत पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन, कॉटन और हेवी मशीनरी का भी बड़े पैमाने पर निर्यात करता है। बांग्लादेश में तख्तापॉल्ट होने के बाद इस पूरे कारोबार पर अनिश्चितकाल तक के लिए रोक लग गई है।
भारतीय निर्यातक सुमित घोषाल के मुताबिक दोनों देशों की सीमाओं के अंदर निर्यातकों और आयातकों के 600 से अधिक ट्रक फंसे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश पर दैनिक जरूरतों वाला सामान लदा हुआ है। उपद्रव की आशंका के कारण भारतीय सीमा सील कर दी गई है, जिसकी वजह से ना तो भारत से कोई ट्रक बांग्लादेश जा पा रहा है और ना ही बांग्लादेश से कोई ट्रक सामान लेकर भारत आ पा रहा है। ऐसी स्थिति में दैनिक जरूरत की चीजों का व्यापार करने वाले निर्यातकों और आयातकों को भारी नुकसान होने की आशंका बन गई है। घोषाल के मुताबिक अगर भारत-बांग्लादेश की सीमा को जल्दी ही नहीं खोला गया, तो ट्रकों में लदा अधिकांश सामान खराब हो सकता है, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक / सुनीत निगम