किसी प्रमुख मद में नहीं घटाया आवंटन, कम हुई है बेरोजगारी दर : सीतारमण
- लोकसभा से विनियोग लेखानुदान विधेयक 2024 ध्वनिमत से मंजूर
नई दिल्ली, 07 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 में किसी प्रमुख मद के आवंटन में कोई कटौती नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर पांच साल में घटकर 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 पर सदन में चर्चा का जवाब दे रही थीं।
वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वित वर्ष 2024-45 के लिए लेखानुदानों की मांगों, वित वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों सहित वित्त वर्ष 2024-25 से संबंधित जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए लेखानुदानों की मांगों के साथ-साथ वित्त वर्ष 2023-24 से संबंधित जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दी।
इसके अलावा लोकसभा ने विनियोग (लेखानुदान) विधेयक, 2024 और विनियोग विधेयक, 2024 को भी मंजूरी दी। संसद के निचले सदन ने जम्मू कश्मीर विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2024 और जम्मू कश्मीर विनियोग विधेयक, 2024 को भी ध्वनिमत से पारित पास कर दिया।
वित्त मंत्री ने अंतरिम केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान सदन को बताया कि किसी प्रमुख मद में आवंटन घटाया नहीं गया है, बल्कि इसमें बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए सदन को बताया कि बेरोजगारी दर वित्त वर्ष 2017-18 के छह फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण ने कहा कि सरकार के उठाए गए कदमों से जरूरी खाद्य वस्तुओं के दाम कम हुए हैं।
उन्होंने निचले सदन में श्रम शक्ति 49 फीसदी से बढ़कर 57 फीसदी होने का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि बेरोजगारी दर में कमी आई है। यह वित्त वर्ष 2017-18 के छह फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 3.2 फीसदी रह गई है। सीतारमण ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 18 से 25 साल की आयु के लोगों का पंजीकरण बढ़ा है। इसमें 55 फीसदी पंजीकरण नए हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिला श्रम शक्ति भी बढ़ी है। ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 29 करोड़ कामगार में 53 फीसदी महिलाएं हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। उन्होंने कुछ सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के संबंध में वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राशि दी गई है। कर्नाटक को धन नहीं मिलने का दावा सही नहीं है। उन्होंने सदन को बताया कि मैं राज्यों को धन अंतरण के लिए वित्त आयोग की रिपोर्ट का अंतिम शब्द तक पालन करती हूं।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर/प्रभात