ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन को अपनाना आवश्यक : गौतम अदाणी
- विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की 54वीं वार्षिक बैठक
अहमदाबाद, 16 जनवरी (हि.स.)। अदाणी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की 54वीं वार्षिक बैठक के लिए अपने ब्लॉग में भारत जैसे देशों के लिए शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने में ग्रीन हाइड्रोजन के महत्व पर जोर दिया है। इसका शीर्षक कम लागत: शुद्ध शून्य की राह पर ग्रीन हाइड्रोजन का लाभ लेने की कुंजी है। इसके माध्यम से अदाणी ने जीवाश्म ईंधन के प्रमुख विकल्प के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन की व्यवहार्यता और क्षमता को दर्शाने का प्रयास किया है क्योंकि विश्व स्वच्छ और नवीकरणीय भविष्य की ओर कदम बढ़ाने के लिए तत्पर है।
इस ब्लॉग को डब्ल्यूईएफ की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है जिसमें पर्यावरण के साथ ही भारत के विकास के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के लाभों पर टिप्पणी की गई है। यह शून्य उत्सर्जन वाले स्वच्छ ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन की व्यवहार्यता पर प्रकाश डालता है। ग्रीन हाइड्रोजन विश्व भर में कार्बन तटस्थता के सपने को साकार करने की कुंजी होगी। हाइड्रोजन को एक संभावित ऊर्जा भंडारण माध्यम के रूप में जाना जाता है और यह पानी के साथ ईंधन कोशिकाओं में एकमात्र अपशिष्ट उत्पाद के रूप में बिजली का उत्पादन कर सकता है।
इसलिए, इसकी क्षमता को पूरी तरह से समझने के लिए, उक्त ब्लॉग उत्पादन की लागत को कम करने हेतु इसे व्यापक रूप से अपनाने के महत्व पर जोर देता है। साथ ही, ग्रीन हाइड्रोजन को किफायती बनाने के लिए विभिन्न नीतिगत समर्थन उपायों की पेशकश भी करता है, और साथ ही संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को शामिल करके वर्टीकल इंटीग्रेशन के दृष्टिकोण को अपनाता है। पिछड़े इंटीग्रेशन वाली कम्पनियां ही विश्व को किफायती ग्रीन हाइड्रोजन उपलब्ध कराने में सक्षम होंगी। ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की लागत को मौजूदा 3-5 डॉलर प्रति किलोग्राम (किग्रा) से घटाकर 1 डॉलर प्रति किलोग्राम करने की सख्त आवश्यकता है, ताकि इसे व्यापक रूप से अपनाया जा सके।
ग्रीन हाइड्रोजन एक न्यायसंगत समाधान है, इस पर अपने विचार रखते हुए, गौतम अदाणी कहते हैं, भारत के लिए न्यायसंगत समाधान, एक जीवाश्म ईंधन को दूसरे के साथ परिवर्तित करना नहीं है बल्कि नवीकरणीय और ग्रीन हाइड्रोजन की तरफ जितनी जल्दी हो सके, रुख करना है। सौर लागत में कमी को ग्रीन हाइड्रोजन के साथ पूरा किया जा सकता है। यह परिवर्तन भारत को ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने और अपने शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता करेगा। साथ ही, यह आयातित अमोनिया की कीमतों की अनिश्चितताओं को दूर करके खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देगा, जो कि उर्वरकों में एक महत्वपूर्ण घटक है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे विश्व को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से खुद को सुरक्षित करने के अवसर मिलेंगे।
उक्त ब्लॉग अग्रणी कंपनियों, नीति निर्माताओं और उद्योग हितधारकों के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है, जो उभरते ऊर्जा प्रतिमान द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों और अवसरों को नेविगेट करने में सहायता करता है। यह उन पाठकों के लिए उपलब्ध है, जो भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य को आकार देने में ग्रीन हाइड्रोजन की भूमिका की गहरी समझ हासिल करने की इच्छा रखते हैं।
ग्रीन हाइड्रोजन में भूमिका
अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड (एईएल) की सहायक कंपनी अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (एएनआईएल) विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी ग्रीन हाइड्रोजन और उससे जुड़े टिकाऊ डेरिवेटिव्स का उत्पादन करने के लिए एंड-टू-एंड समाधान विकसित कर रही है। एएनआईएल की 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) ग्रीन हाइड्रोजन के पहले प्रोजेक्ट की शुरुआत गुजरात में विभिन्न चरणों में की जा रही है। प्रारंभिक चरण में वित्त वर्ष 2027 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। बाजार की स्थितियों के आधार पर, एएनआईएल का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में लगभग 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ ग्रीन हाइड्रोजन की क्षमता का 3 एमएमटीपीए तक विस्तार करना है।
हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद/प्रभात