अडानी ग्रीन ने 8 हजार मेगावाट मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड एसईसीआई टेंडर के लिए पूरा किया पीपीए समझौता
अहमदाबाद, 25 दिसंबर (हि.स.)। देश की सबसे बड़ी और दुनिया की अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने 1,799 मेगावाट सोलर पावर की आपूर्ति के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के निष्पादन की घोषणा की है। इस शेष पीपीए पर हस्ताक्षर करने के साथ एजीईएल ने जून 2020 में एसईसीआई द्वारा दिए गए पूरे 8,000 मेगावाट के मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड सोलर टेंडर के लिए पावर ऑफटेक टाईअप पूरा कर लिया है, जिसने दुनिया का सबसे बड़ा सोलर टेंडर होने का रिकॉर्ड बनाया है।
एजीईएल ने एसईसीआई मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड सोलर पीवी टेंडर की प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाया है, जिसमें 2 गीगावॉट एजीईएलसेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करना शामिल है। एजीईएल ने पहले ही अपनी सहयोगी कंपनी मुंद्रा सोलर एनर्जी लिमिटेड (एमएसईएल) के माध्यम से 2 गीगावॉट प्रति वर्ष की क्षमता वाला एक सोलर पीवी सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट चालू कर दिया है। यह प्लांट गुजरात के मुंद्रा में है। एजीईएल के पास अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अडानी रिन्यूएबल एनर्जी होल्डिंग फोर लिमिटेड के माध्यम से एमएसईएल के 26% शेयर हैं।
अडानी ग्रीन ने 19.8 गीगावॉट के पीपीए का समझौता किया है और बाकी 20.6 गीगावॉट लॉक-इन पोर्टफोलियो में मर्चेंट क्षमता है। देश के संसाधन समृद्ध क्षेत्रों में पहले से ही 2 लाख एकड़ से अधिक भूमि अनुबंधित हुई है जबकि 2030 तक 45 गीगावॉट क्षमता के निष्पादन के लिए पोर्टफोलियो पूरी तरह से रिस्क फ्री है।
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के सीईओ अमित सिंह ने कहा, “अडानी ग्रीन न केवल भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में भी योगदान दे रहा है। 2030 तक भारत के 500 गीगावॉट नॉन फॉसिल फ्यूल क्षमता के लक्ष्य के अनुरूप, अडानी ग्रीन 45 गीगावॉट से अधिक रिन्यूएबल एनर्जी देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हमारे वर्तमान ऑपरेटिंग पोर्टफोलियो से पांच गुना अधिक है। यह सस्ती और सुलभ स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के हमारे संकल्प को दर्शाता है।''
हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/संजीव