सेबी की रिपोर्ट में खुलासा- एफएंडओ ट्रेडिंग में 93 प्रतिशत इंडीविजुअल ट्रेडर्स को हुआ नुकसान

 




- 2022 से अभी तक इंडीविजुअल ट्रेडर्स को हो चुका है 1.80 लाख करोड़ का नुकसान

नई दिल्ली, 23 सितंबर (हि.स.)। फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफएंडओ) ट्रेडिंग छोटे निवेशकों के लिए लगातार नुकसान का सौदा साबित हो रहा है, जबकि प्रोपरायटरी ट्रेडर्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग से जमकर मुनाफा कमाने में सफल रहे हैं। इस बात का खुलासा मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की एक रिपोर्ट से हुआ है।

सेबी की रिपोर्ट के अनुसार 2022 से 2024 के बीच की अवधि में 93 प्रतिशत ट्रेडर्स को फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में 1.80 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। संख्यात्मक रूप से इन तीन वर्षों में 93 लाख से अधिक इंडिविजुअल ट्रेडर्स को फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान का सामना करना पड़ा है। इन इंडिविजुअल ट्रेडर्स को औसतन 2 लाख रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ा। नुकसान की इस राशि में ट्रांजैक्शन कॉस्ट को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि नुकसान उठाने वाले ट्रेडर्स में से करीब 4 लाख ट्रेडर्स को औसतन 28 लाख रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर, करीब 1.07 लाख ट्रेडर्स ऐसे भी हैं, जिन्हें औसतन एक लाख रुपये से अधिक का मुनाफा हुआ।

सिर्फ मौजूदा वित्त वर्ष 2024 की ही बात की जाए, तो अभी तक इंडिविजुअल ट्रेडर्स को 61 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। दूसरी ओर, इसी अवधि में प्रोपरायटरी ट्रेडर्स को 33 हजार करोड़ रुपये का और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को 28 हजार करोड़ रुपये का ग्रॉस प्रॉफिट हुआ है। इस आंकड़े से साफ है कि फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कमाने वालों में ज्यादातर बड़ी एंटिटीज शामिल हैं, जिन्होंने ट्रेडिंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल करते हुए खरीद बिक्री की। रिपोर्ट में इस बात को विशेष रूप से बताया गया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के मुनाफे का 97 प्रतिशत और प्रोपरायटरी ट्रेडर्स के मुनाफे का 96 प्रतिशत एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग के जरिए आया।

अहम बात ये भी है कि ज्यादातर इंडिविजुअल ट्रेडर्स को फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में नुकसान का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष में अभी तक इंडिविजुअल ट्रेडर्स ट्रांजैक्शन कॉस्ट के रूप में औसतन 26 हजार रुपये खर्च कर चुके हैं। अगर 2022 से 2024 के बीच के 3 सालों की बात करें, तो इंडिविजुअल ट्रेडर्स ट्रांजैक्शन कॉस्ट के रूप में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं। इसमें 51 प्रतिशत ब्रोकरेज फीस और 20 प्रतिशत एक्सचेंज फीस शामिल है।

रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करने वाले 75 प्रतिशत से अधिक इंडिविजुअल ट्रेडर्स ऐसे हैं, जिनकी एनुअल इनकम 5 लाख रुपये से भी कम है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि करीब 75 प्रतिशत से अधिक ट्रेडर्स फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान का सामना करने के बावजूद पीछे हटने की जगह लगातार ट्रेडिंग कर रहे हैं।

इस रिपोर्ट में फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करने वाले इंडिविजुअल ट्रेडर्स के उम्र की चर्चा करते हुए बताया गया है कि इस सेगमेंट में ट्रेडिंग करने वाले 30 साल से कम उम्र के ट्रेडर्स की संख्या 2024 में 43 प्रतिशत हो गई है, जबकि 2023 में ये संख्या 31 प्रतिशत थी। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में नुकसान का सामना करने के बावजूद युवा ट्रेडर्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक