वित्त मंत्रालय ने 12 राज्यों को 66,413 करोड़ रुपये अतिरिक्त उधारी जुटाने की दी मंजूरी
नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। सरकार ने 12 राज्यों को बिजली क्षेत्र में सुधार तेज करने के वित्तीय प्रोत्साहन को मंजूरी दी है। वित्त मंत्रालय ने विद्युत मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर 12 राज्यों को वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 में किए गए सुधारों के लिए ये अनुमति दी है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि बिजली सुधारों को लागू करने के लिए पिछले दो वित्त वर्षों में 12 राज्यों को 66,413 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी जुटाने की मंजूरी दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में उन्हें अतिरिक्त उधारी अनुमतियों के माध्यम से 66,413 करोड़ रुपये के वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति दी गई है।
मंत्रालय के मुताबिक पश्चिम बंगाल को इस दौरान सबसे ज्यादा 15,263 करोड़ रुपये की उधारी जुटाने की मंजूरी दी गई है। राजस्थान को 11,308 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश को 9,574 करोड़ रुपये, केरल को 8,323 करोड़ रुपये, तमिलनाडु को 7,054 करोड़ और यूपी को 6,823 करोड़ रुपये उधारी की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा असम को 4,359 रुपये, हिमाचल प्रदेश को 251 करोड़ रुपये, मणिपुर को 180 करोड़ रुपये, मेघालय को 192 करोड़ रुपये, ओडिशा को 2,725 करोड़ रुपये और सिक्किम को 361 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में राज्यों को बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए 1.43 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सुधारों के साथ अतिरिक्त उधारी की मंजूरी को जोड़ने की घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य बिजली क्षेत्र की दक्षता और प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए सुधार करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल