जेल में बंद बंदी हेपेटाइटिस और एचआईवी संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग ने बंदियों का किया हेल्थ चेकअप
वाराणसी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिला जेल और सेंट्रल जेल में बंदियों के स्वास्थ्य की जांच की। इस दौरान 101 बंदी हेपेटाइटिस संक्रमित मिले। दो बंदियों में एचआईवी की पुष्टि हुई है। सिफलिस की बीमारी से भी 93 ग्रसित मिले। सभी का सैंपल वायरल लोड जांच के लिए आईएमएस बीएचयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेजा गया है।
पिछले साल दिसंबर से शुरू बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण का अभियान जनवरी माह तक चला। शासन के निर्देश पर बंदियों और कैदियों की हेपेटाइटिस, एचआईवी की स्क्रीनिंग कराई गई। सीएमओ के निर्देश पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय के निर्देशन में टीम ने जिला जेल में बंद करीब 2500 बंदियों व कैदियों की जांच की।
जांच में 37 हेपेटाइटिस बी और 36 हेपेटाइटिस सी से संक्रमित मिले हैं। यहां एक एचआईवी पॉजीटिव भी मिला है। वहीं, सेंट्रल जेल में 2000 बंदियों व कैदियों की जांच में 21 हेपेटाइटिस बी के 21 और सात हेपेटाइटिस सी से संक्रमित मिले। डॉ. पीयूष राय के अनुसार सेंट्रल जेल में भी एक एचआईवी पॉजीटिव मरीज मिला है। इसके अलावा जैतपुरा स्थित पाश्चात्य वर्ती देखरेख संगठन और रामनगर स्थित संरक्षण गृह में 1-1 हेपेटाइटिस बी के मरीज मिले हैं। जिन लोगों में एचआईवी की पुष्टि हुई हैं, उन्हें एआरटी सेंटर में पंजीकृत कराया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए गए विशेष स्क्रीनिंग अभियान में टीम ने सेंट्रल और जिला जेल के अलावा चौबेपुर स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भी सैंपल लिया गया। डॉ. पीयूष राय का कहना है कि जांच के दौरान छह लोगों में एचआईवी का संक्रमण मिला है। वहीं, जिला जेल में 59 और सेंट्रल जेल में 34 लोगों में सिफलिस की बीमारी की पुष्टि हुई है। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी के मुताबिक सिफलिस एक तरह की यौन संबंधी बीमारी है।
सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि शासन के निर्देश पर सेंट्रल व जिला जेल के साथ ही अन्य जगहों पर जांच कराई गई। इसमें हेपेटाइटिस और एचआईवी संक्रमित मिलने वालों की सूचना शासन को भेजी जा चुकी है। विभाग के स्तर से भी जांच व मॉनीटरिंग कराई जा रही है।
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