यू-विन एप ने आसान बनाया टीकाकरण, किसी सरकारी अस्पताल में करा सकते हैं वैक्सीनेशन 

नले
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वाराणसी। स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलीकरण लगातार बढ़ रहा है, जिससे जनमानस के लिए सुविधाओं का लाभ उठाना आसान हो रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत को-विन एप्लीकेशन की तर्ज पर यू-विन एप को शुरू किया गया है, जिसका परिणाम काफी सकारात्मक दिख रहा है। यू-विन एप के माध्यम से जनपद में गर्भवती माताओं और बच्चों के टीकाकरण प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। इस एप पर पंजीकृत समस्त गर्भवती माताओं और जन्म से लेकर पांच साल तक के बच्चों का टीकाकरण शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अलावा एप में बच्चों की आभा आईडी भी बनाई जा रही है। प्रसव केन्द्रों पर भी जन्म के 24 घंटे के अंदर लगने वाले टीकाकरण (बर्थ डोज़) की प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जा रहा है। जल्द ही सामुदायिक सर्वेक्षण को भी शामिल किया गया है, जिससे लोगों की सेहत का ख्याल रखा जा सके। 


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि धीरे-धीरे स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाइन होती जा रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने को-विन की तर्ज पर ही यू-विन पोर्टल और एप शुरू कर गर्भवती माताओं व जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों के टीकाकरण को भी आसान बना दिया है। इस एप में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पंजीकृत कर टीकाकरण व अन्य सेवाओं का लाभ दिलाने के लिए जोड़ा जा रहा है। सीएमओ ने कहा कि यू-विन एप पर पंजीकृत गर्भवती महिलाएं और बच्चे टीकाकरण के लिए हर बुधवार व शनिवार को आयोजित होने वाले नियमित टीकाकरण सत्र दिवस पर स्लॉट बुक कर सकते हैं। स्लॉट बुक हो जाने से लाभार्थी उसी दिन दिए गए समय पर पहुँचकर अपना टीकाकरण आसानी से करा सकता है। इससे उनके समय की बचत हो रही है। नजदीकी टीकाकरण केंद्र की जानकारी हो जा रही है और प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा टीका लगवाने की संतुष्टि भी मिल रही है। सीएमओ ने कहा कि यू-विन पोर्टल न सिर्फ स्वास्थ्य प्रणाली को टीकाकरण की योजना को बेहतर बनाने मे मदद कर रहा है बल्कि लाभार्थियों को टीकाकरण करवाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है। 


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्या ने बताया कि गर्भवती माताओं और बच्चों को अगला टीका कब लगना है और पिछला टीका कब लगा था। कितने दिनों के अंतराल में कौन सा टीका परिवार के किस सदस्य को लेना है, आदि जानकारियां यू-विन पोर्टल व एप्लीकेशन पर तो दर्ज की ही जा रही हैं। साथ ही लाभार्थी के मोबाइल पर भी इसका अपडेट और अलर्ट आ रहा है। लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर टीका लगने के एक दिन पहले मैसेज जा रहा है। इतना ही नहीं, गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद एप पर पंजीकृत लाभार्थी देश के किसी भी हिस्से में कभी भी टीके की कोई भी डोज ले सकते हैं और कोविड वैक्सीन की ही तरह नियमित टीकाकरण के सभी तरह के टीकों के लिए ऑनलाइन स्लाट बुक कर सकते हैं। एप से टीके का प्रमाण पत्र भी हासिल कर सकते हैं।

एक नजर आंकड़ों पर
डॉ एके मौर्य ने बताया कि इसी साल से 15 मार्च से यू-विन की सुविधा शुरू की गई थी। तब से लेकर मई तक जनपद में लक्षित 10,675 सत्र के सापेक्ष 10241 सत्र आयोजित किए जा चुके हैं। इन सत्रों में 14,938 गर्भवती माताओं और 63,625 बच्चों का पंजीकरण कर टीका लगाया जा चुका है। इसमें जन्म से लेकर एक वर्ष तक के 44007 और एक से पाँच वर्ष तक के 19,618 बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा पिछले वित्तीय वर्ष में जन्म से लेकर एक वर्ष तक के 85,987 (117%) बच्चों, एक से दो वर्ष तक के 83,165 (120%) बच्चों को एमआर सेकेंड डोज़ व 83,140 (120%) बच्चों को डीपीटी फर्स्ट बूस्टर से आच्छादित किया गया। इसके साथ ही पाँच वर्ष के 74,485 बच्चों (120%) को डीपीटी सेकेंड बूस्टर डोज़ लगाई गई।

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