‘अवधेश राय हत्याकांड की खुद लड़ी लड़ाई’ युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विकास सिंह बोले - आरोपी को सजा दिलाने में भाजपा का कोई रोल नहीं
वाराणसी। सूबे के मुख्यमंत्री अब जातिगत समीकरण साधने की फिराक में है। वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के साथ भूमिहार बिरादरी के जुड़ाव को देखते हुए विचलित हो गए है। उक्त बातें युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विकास सिंह ने कही। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री इस बात से विचलित हो गए कि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और आमजन मानस के साथ ही भूमिहार बिरादरी भी उनसे जुड़ रही है। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी का वोट प्रतिशत घटता देख भाजपा बौखला गई है और बेबुनियाद तर्क भूमिहार बिरादरी को लेकर दे रही है।
युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने कहा कि कपसेठी के एक सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने माफिया के सामने घुटने टेकने का काम किया, जबकि सच्चाई क्या है ये सभी के सामने है कि किस तरह बिना किसी सियासी मदद के कांग्रेस प्रत्याशी ने निर्भीक होकर अपने भाई के हत्याकांड की पैरवी की और उसे सजा दिलाया। जबकि बार-बार प्रदेश सरकार मुकदमे को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी को हत्याकांड में गवाही देने जाने के लिए सुरक्षा देने में आनाकानी करती रही। उन्होंने कहा कि यही भाजपा की सरकार अपने ही विधायक कृष्णानंद के हत्यारों को सजा दिलाने में नाकाम रही और मुख्यमंत्री श्रद्धांजलि देने की बात कहते है।
विकास सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जितने भी भूमिहार नेताओं का नाम लिया, चाहे वह रघुनाथ सिंह, सत्य नारायण सिंह, लोकबंधु राज नारायण या कल्पनाथ राय हो, इनमें से कोई भी भाजपा में नहीं था। वर्ष 2014 से लगातार सत्ता में रहने वाली भाजपा सरकार को आज भूमिहार बिरादरी की चिंता सताने लगी, जबकि इस बिरादरी के लिए आज तक भाजपा की सरकार ने कुछ नहीं किया।
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