बनारस में गरजे योगी, कहा- फेक अकाउंट बनाकर जातियों के बीच संघर्ष कराना चाहते हैं कुछ लोग
- वाराणसी में बिरसा मुंडा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को मुख्यंमत्री ने किया संबोधित
- सीएम योगी ने समाज में विभेद पैदा करने वालों पर जमकर साधा निशाना
- मुख्यमंत्री ने विभिन्न संस्मरणों के जरिए जनजातीय समाज से अपने जुड़ाव को रखा सामने
- बोले योगी- जहां संवाद बाधित होगा, वहीं पर संघर्ष की स्थति पैदा होगी
- भगवा गमछा पहन 'या अल्लाह' बोलकर आगजनी करने वाले का सीएम ने किया पर्दाफाश
- कहा- कांवड़ियों को उपद्रवी बताने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने जनजातीय समाज को राष्ट्र से काटकर रखा : योगी आदित्यनाथ
- भारत की सनातन परंपरा का आधार हैं जनजातियां, हर कालखंड में देश और संस्कृति का किया है संरक्षण : सीएम योगी
- मंदिर जाने वाला और न जाने वाला भी हिन्दू है : योगी आदित्यनाथ
- ज्यादातर लोग वेदों की केवल बात करते हैं, जनजातियां वेदों के अनुसार जीवन जीती हैं : योगी
- जनजातीय समाज ने हर युग में सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया : मुख्यमंत्री
- मुख्यमंत्री ने वसंत महिला महाविद्यालय प्रांगण में पौधरोपण करके दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान शुक्रवार को वसंत महिला महाविद्यालय में जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने जनजातीय समाज को भारत की सनातन परंपरा का आधार बताते हुए इसके ऐतिहासिक योगदान की सराहना की। साथ ही, उन्होंने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष को बढ़ावा देने वालों पर कड़ा प्रहार करते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

जनजातीय समाज: भारत की सनातन परंपरा का मूल
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में जनजातीय समाज को भारत की संस्कृति और इतिहास का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि यह समाज हर कालखंड में देश और धर्म की रक्षा के लिए अग्रिम पंक्ति में रहा है। उन्होंने भगवान राम, महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी के समय में जनजातीय समाज के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "जब भगवान राम वनवास में थे, तब जनजातीय समाज ने रावण के खिलाफ युद्ध में उनका साथ दिया। महाराणा प्रताप ने अरावली के जंगलों में जनजातीय समाज के सहयोग से अकबर को चुनौती दी।"

बिरसा मुंडा: राष्ट्रीय आंदोलन के प्रेरक
मुख्यमंत्री ने बिरसा मुंडा को राष्ट्रीय आंदोलन का उत्प्रेरक बताते हुए कहा कि उन्होंने अल्पायु में धरती माता और गुलामी के खिलाफ संघर्ष का संदेश दिया। "जनजातीय समाज ने हर युग में सनातन धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया है। बिरसा मुंडा का जीवन आज भी हमें प्रेरित करता है," उन्होंने कहा।
सामाजिक विभेद पर कड़ा रुख: फर्जी अकाउंट्स पर नकेल
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स के जरिए समाज में विभेद और संघर्ष फैलाने वालों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, "कुछ साल पहले एक आगजनी की घटना में भगवा गमछा पहने व्यक्ति के मुंह से 'या अल्लाह' निकला। ऐसे लोगों को चिह्नित कर समाज से बाहर करना होगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि "जो लोग फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष को बढ़ावा देते हैं, वे देश के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।"
जनजातीय समाज को योजनाओं से जोड़ने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि पिछली सरकारों ने जनजातीय समाज तक शासन की सुविधाएं नहीं पहुंचाईं। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने 2017 के बाद जनजातीय गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया। राशन कार्ड, जमीन के पट्टे और पेंशन जैसी सुविधाएं दी गईं।" सोनभद्र, चंदौली और मीरजापुर जैसे क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों को योजनाओं से जोड़ा गया।

सामाजिक समरसता पर जोर
मुख्यमंत्री ने सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कांवड़ यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भक्ति का प्रतीक है, लेकिन कुछ लोग इसे बदनाम करते हैं। "जो लोग आदिवासियों को भड़काते हैं, वही कांवड़ यात्रा को उपद्रव कहते हैं। हमें इनसे सतर्क रहना होगा," उन्होंने चेताया। जौनपुर की एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नियम तोड़कर बनाए गए ताजिए के कारण हादसा हुआ, जिसके बाद सख्त कार्रवाई की गई।

जनजातीय गौरव दिवस और सरकार के प्रयास
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कोल जनजाति जैसे समुदायों को योजनाओं से जोड़ा। "हमारा दायित्व है कि हम जनजातीय समाज के बीच जाएं और उनके मन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करें," उन्होंने कहा।

वसंत महिला महाविद्यालय और पर्यावरण संरक्षण
मुख्यमंत्री ने वसंत महिला महाविद्यालय की विरासत को गुरुकुल परंपरा से जोड़ते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने पद्मश्री अशोक भगत के जनजातीय समाज के लिए कार्यों की प्रशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।

अशोक भगत की सेवाओं को सीएम ने सराहा
मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज के लिए कार्य करने वाले पद्मश्री अशोक भगत की सेवाओं की प्रशंसा की और कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मार्गदर्शन में उन्होंने साधन-विहीन लोगों के बीच सेवा कार्य को आगे बढ़ाया। उन्होंने संगोष्ठी के आयोजन के लिए महाविद्यालय परिवार को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महाविद्यालय प्रांगण में पौधरोपण करके पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया।

इस अवसर पर पद्मश्री अशोक भगत, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, अनिल राजभर, राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र दयालु, विधायकगण डॉ नीलकंठ तिवारी, डॉ अवधेश सिंह, सुशील सिंह, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेन्द्र सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य के साथ ही एसएन दुबे, अलका सिंह, अंजना सिंह, शंकरपुरी जी महाराज, संतोषाचार्य जी महाराज, महाविद्यालय के आचार्यगण और छात्राएं मौजूद रहीं।










