विश्व जल दिवस : वेदपाठी बटुकों ने बनाई मानव श्रृंखला, पुष्कर तालाब के संरक्षण की उठाई मांग

वाराणसी। विश्व जल दिवस के अवसर पर शनिवार शाम असि स्थित पुष्कर तालाब पर वेदपाठी बटुकों ने मानव श्रृंखला बनाई। इस दौरान वाराणसी के सांसद एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मां गंगा, असि, वरुणा नदी एवं नगर के कुंड-तालाबों के संरक्षण की अपील की। जागृति फाउंडेशन एवं ब्रह्मा वेद विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बटुकों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर तालाब बचाने का संकल्प लिया। साथ ही, वेद मंत्रोच्चार के साथ प्रधानमंत्री की दीर्घायु और यशस्विता की कामना भी की।
कार्यक्रम में देश के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र मुख्य अतिथि रहे, जबकि असि नदी संरक्षण पर हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ रहे जयराम मिश्र एवं भूजल संरक्षण के लिए अभियान चला रहे अशोक सिंह और सोनू दुबे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने बताया कि काशी को कभी "आनंद कानन" कहा जाता था, जहां अनेक कुंड और तालाब थे। लेकिन विकास की अंधी दौड़ में नगर के प्राकृतिक जलस्रोत नष्ट होते जा रहे हैं, जिन्हें बचाने की सख्त जरूरत है।
कार्यक्रम के संयोजक रामयश मिश्र ने कहा कि पुष्कर तालाब का ऐतिहासिक महत्व है, जिसके जल से कभी बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक होता था और यहां पुष्कर मेले का आयोजन किया जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से सांसद बनने के बाद तालाब के सुंदरीकरण के लिए 4.30 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए, लेकिन अधूरे कार्यों के कारण तालाब की स्थिति बदहाल बनी हुई है। टूटी सीढ़ियां, गिरती दीवारें और जर्जर संरचना प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती हैं।
ब्रह्मा वेद विद्यालय के सोनू दुबे ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया। इस दौरान सभी ने नगर के तालाबों और जलस्रोतों के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया।