विश्व कछुआ दिवस: सारनाथ में कछुआ संरक्षण पर मंथन, भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की चर्चा

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वाराणसी: विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर शुक्रवार को सारनाथ रेंज में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. रवि कुमार सिंह (आई.एफ.एस.), वन संरक्षक, वाराणसी वृत्त की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. वांगचु दोरजी नेगी, कुलपति, केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ, सहित डॉ. राजन श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार, आई.आई.टी. बी.एच.यू., प्रो. राधा चौबे, विभागाध्यक्ष, जीव विज्ञान विभाग, प्रो. अल्का सिंह, प्रधानाचार्य, बसन्ता कॉलेज, श्रीमती रिता जयसवाल, श्री दिगविजय सिंह, सिटी बिजनेस हेड, एस.टी.एफ. रेलवे, श्री राजेश श्रीवास्तव, वेस इंडिया, श्री रविन्द्र यादव, क्षेत्रीय वनाधिकारी, सारनाथ, और वन विभाग की टीम उपस्थित रही।

विश्व कछुआ दिवस: सारनाथ में कछुआ संरक्षण पर मंथन, भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की चर्चा

कार्यक्रम में डॉ. रवि कुमार सिंह ने कछुओं के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत की नदियों में कछुओं की विविध प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें कुछ प्रजातियां केवल भारत में ही पाई जाती हैं और इन्हें विशेष संरक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लेकर कछुओं के महत्व को दर्शाया।"

विश्व कछुआ दिवस: सारनाथ में कछुआ संरक्षण पर मंथन, भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की चर्चा

मुख्य अतिथि प्रो. वांगचु दोरजी नेगी ने कहा कि स्वार्थ से ऊपर उठकर परमार्थ की भावना से कार्य करने पर वन्यजीव संरक्षण में सहयोग मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी जीव एक-दूसरे पर निर्भर हैं, इसलिए प्रत्येक प्राणी के संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी है।

विश्व कछुआ दिवस: सारनाथ में कछुआ संरक्षण पर मंथन, भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की चर्चा

कार्यक्रम के अंत में डॉ. रवि कुमार सिंह ने एस.टी.एफ. और रेलवे की टीम, जो कछुओं को बचाने में वन विभाग की मदद करती है, सहित अन्य प्रतिभागियों को सम्मानित किया। नमामि गंगे गंगा विचार मंच के जिला संयोजक शिवम अग्रहरि को गंगा सेवा कार्य के लिए सम्मानित किया गया। विद्यार्थियों ने कछुआ संरक्षण केंद्र में कछुओं के प्रजनन और अंडों के संरक्षण की प्रक्रिया को देखा।

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