संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में कार्यशाला, राज्यमंत्री बोले- जो संस्कृत नहीं जानता उसका जीवन अपूर्ण

वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के आईकेएएस सेंटर में संस्कृत भारतीय काशी प्रान्त एवं भारती भाषा समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में "भारतीय भाषाओं में संस्कृत भाषा के अध्यापक एवं छात्रों मे कौशल का विकास" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने संस्कृत भाषा पर अपने विचार रखे। मुख्य अतिथि राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल ने विश्वविद्यालय के मुख्य भवन और परिसर में जगह-जगह लाइटिंग और अन्य विकास कार्य कराने का भरोसा दिलाया।
उन्होंने कहा कि लोग सदैव अपनी बोली या भाषा को अपना समझकर ही देश के एक दूसरे को अपने समझते रहे हैं। यदि भाषा की भिन्नता रही है तो लोग बंटे हुए समझने लगते हैं। भारतीय भाषा समिति इसी को जोड़ने का कार्य कर रही है। काशी तमिल संगमम का भी यही उद्देश्य था। हमारी मातृ भाषा के संरक्षण की जरूरत है। यदि संस्कृत राष्ट्र भाषा होती तो आज परिदृश्य कुछ और होता। एक भाषा से समानता होती है। सभी भाषाओं की मूल संस्कृत भाषा है इसे राष्ट्र भाषा बनाने का प्रयास करना चाहिये।जिसको संस्कृत नहीं आती उसका जीवन अपूर्ण है। सभी को संस्कृत अवश्य पढ़ना चहिये। उन्होने मुख्यभवन के लिये स्थायी लाईटिंग,एक विशाल उँचा झन्डा तथा कुलपति जी मांग पर पूरे परिसर मे 05 हाई पावर लाईट लगाने की स्वीकृति की।
विशिष्ट अतिथि अन्नपूर्णा मन्दिर के महंत शंकरपुरी ने कहा कि संस्कृत में निहित ज्ञान विज्ञान को बाहर लाकर उसके अध्ययन से ही समस्त मानवता का कल्याण होगा। संस्कृत के लोगों को जोड़ने से रोजगार सृजित होंगे।
सारस्वत अतिथि प्रो पुष्पा दिक्षित ने कहा कि गुरुकुलों के पुनर्जागरण करने की जरुरत है।
इसके अतिरिक्त भारतीय भाषा समिति के डॉ चन्दन श्रीवास्तव,संस्कृत भारती के डॉ देवेन्द्र पण्ड्या आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। अध्यक्षता करते हुये कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत के साथ समृद्ध राष्ट्र की परिकल्पना साकार होती है।सभी महाविद्यालयो मे सरल मानक संस्कृत का अभ्यास कराया जायेगा। अंत मे कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किया गया।
इस दौरान श्रीशदेव पुजारी, प्रो दिनेश कुमार गर्ग, डॉ कुन्ज बिहारी द्विवेदी, लक्ष्मी नरसिम्हन, प्रो अमित कुमार शुक्ल आदि रहे।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।