'अन्तिम श्वास तक लड़ेंगे पुरानी पेंशन के लिए' पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारियों ने बुलंद की आवाज़, उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी

employee ops protest
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वाराणसी। अन्तिम श्वास तक सरकार से लड़कर हर हाल में पुरानी पेंशन लेकर ही कर्मचारी दम लेगा। वरना आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

उक्त बातें पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संयुक्त मंच द्वारा चलाए जा रहे क्रमिक भूख उपवास के चौथे और अंतिम दिन मंच के संयोजक शशिकांत श्रीवास्तव ने कही। गुरुवार को हुए प्रदर्शन में भारी संख्या में जुटे केंद्र व राकय कर्मचारियों  ने प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षक व पेंशनर्स की  सहभागिता रही जिसकी अध्यक्षता कामरेड प्रदीप शर्मा जोनल सेक्रेटरी और अरविन्द श्रीवास्तव महासचिव बनारस रेल कारखाना ने भूख उपवास व धरना का संचालन किया। 

सहसंयोजक सुनील सिंह (सचिव नार्दन रेलवे मेंस यूनियन) एवं एन बी सिंह सचिव पूर्वोत्तर रेलवे मेंस यूनियन ने संयुक्त रूप से कहा कि 1 जनवरी 2004 से केंद्र सरकार के कर्मचारी एवं अप्रैल 2005 से उत्तर प्रदेश कर्मचारियों के लिए पूर्व प्रदत्त पेंशन व्यवस्था समाप्त करके नई अंशदाई पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गई है जो कि शेयर बाजार आधारित व्यवस्था है कर्मचारी समाज लगातार इस व्यवस्था का विरोध कर रहा है। 

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धरना सम्बोधित करते हुए दिवाकर द्विवेदी मण्डल अध्यक्ष, दीपेन्द्र कुमार श्रीवास्तव मण्डल मन्त्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने संयुक्त रुप से कहा कि देश व प्रदेश के लाखों लाख कर्मचारी एवं शिक्षकों द्वारा 27 जून 2023 को लखनऊ में और 10 अगस्त 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आक्रोश व्यक्त किया परंतु केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा अभी तक गंभीरता से न लेकर विरोधाभासी बयान किया जा रहा है। इससे कर्मचारियों व शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसलिए आज पूरे देश का केंद्रीय व राज्य कर्मचारी एवं शिक्षक हड़ताल पर जाने से पूर्व भूख उपवास कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं। जिसका निर्णय संयुक्त मंच द्वारा लिया जा चुका है। 

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धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रहे कामरेड प्रदीप शर्मा ने कहा कि  विगत 10 वर्षों से पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की मांग पर संगठन द्वारा लगातार चेतावनी दी जा रही है परंतु मांग पूरी न होने पर अब मजबूर होकर रेल का चक्का जाम किए जाने जैसा निर्णय हमारे कामरेड राष्ट्रीय संयोजक शिव गोपाल मिश्रा जी को लेना पड़ेगा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे कामरेड अरविन्द श्रीवास्तव ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली पर केन्द्र सरकार द्वारा कोई निर्णय न लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है यदि मजबूर होकर हड़ताल जैसा कठोर निर्णय संगठन को लेना पड़ेगा तो हमने इसके लिए तैयारियां कर ली है जिसके लिए 98 प्रतिशत कर्मचारियों ने सहमति प्रदान की है। 

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प्राथमिक शिक्षक संघ के मण्डल सचिव जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ आनन्द सिंह व जिला अध्यक्ष विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के यशोवर्धन त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष 2014 में लोक सभा चुनाव के पूर्व माननीय प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री माननीय राजनाथ सिंह ने इस बात की घोषणा की थी कि जब हमारी सरकार बनेगी तो हम पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करेंगें। आज भारत सरकार को लगभग 10 वर्ष पूर्ण होने को है कर्मचारी शिक्षकों की मांग पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली नहीं की गई इसलिए पूरे प्रदेश का शिक्षक हड़ताल पर जाने को बाध्य होना पड़ेगा।

धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से शशिकांत श्रीवास्तव, महिमा दत्त द्विवेदी सुनील सिंह,एन बी सिंह, दिवाकर द्विवेदी, दीपेन्द्र श्रीवास्तव डी के सिंह, श्याम राज यादव, सुधांशु सिंह,जटाशंकर यादव,हरेंद्र यादव, रामाश्रय यादव जिलाध्यक्ष मऊ सुरेन्द्र यादव जिलाध्यक्ष गाजीपुर यशोवर्धन त्रिपाठी, आनन्द सिंह,अजय कुमार, रणजीत सिंह, समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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