विशाल भारत संस्थान ने भूख, अशिक्षा और भेदभाव से लड़कर पूरे किये सेवा के 32 साल, गिनाई उपलब्धियां

vishal bharat sansthan
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-    अनाज बैंक, सुभाष भवन और चिल्ड्रेन्स पार्लियामेंट जैसे विश्व स्तरीय मॉडल ने दुनिया को दिशा दी

-    हिन्दू मुस्लिम संवाद के जरिये दोनों को करीब लाने का प्रयास किया
-    नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आदर्शों पर चलकर तैयार हो रहे देशसेवक

वाराणसी।  महान उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जन्मभूमि लमही में स्थित विशाल भारत संस्थान का मुख्यालय सुभाष भवन स्थित है, जहाँ सेवा के विभिन्न मॉडल चलते हैं और कई विश्व स्तरीय भी है। भूख पीड़ितों को भूख से मुक्ति दिलाने के लिये विश्व के पहले अनाज बैंक की स्थापना की गई, जिससे आज 2600 परिवार जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश के 10 जनपदों में अनाज बैंक भूख पीड़ितों की सेवा कर रहा है। कूड़ा बीनने वाले बच्चे, आदिवासी बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सके इसके लिये संस्थान भोजन से लेकर सभी व्यवस्था करता है। सामाजिक समरसता का व्यवहारिक मॉडल सुभाष भवन है, जहां सभी जातियों और धर्म के लोग एक साथ रहते हैं और देश सेवा के लिये तैयार होते हैं। इसके अतिरिक्त विश्व की पहली निर्वाचित  चिल्ड्रेन्स पार्लियामेंट, चिल्ड्रेन्स बैंक, गऊ माता मंदिर, हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र संचालित किये जाते हैं। विशाल भारत संस्थान के प्रशिक्षित कार्यकर्त्ता देशसेवक कहे जाते हैं, जो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आदर्शों पर चलते हुए 24 घण्टे देश की सेवा के लिये तैयार रहते हैं।

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वर्ष 1992 से अनवरत सेवा कर उदाहरण प्रस्तुत करने वाले विशाल भारत संस्थान ने 1700 से अधिक बच्चों के जीवन को बदल दिया। संस्थान के संस्थापक डॉ० राजीव गुरुजी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर हैं, जो अपना पूरा वेतन वंचित बच्चों की शिक्षा और पालन पोषण के लिये दान कर देते हैं। वह सैकड़ों बच्चों के पिता हैं, जीवन बदलने के लिये ही जाने जाते हैं। डॉ० राजीव श्रीगुरुजी के विद्यार्थी कहते हैं कि "डॉक्टर दिल बदलते हैं, नेता दल बदलते हैं और गुरुजी जीवन बदलते हैं।" 

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विशाल भारत संस्थान की बेटी डॉ० नजमा परवीन जिन्होंने नरेंद्र मोदी पर पीएचडी किया और डॉ० अर्चना भारतवंशी ने संघ और मुसलमानों के सम्बन्धों पर पीएचडी की। 32 वर्ष पूरे होने के अवसर पर विशाल भारत संस्थान ने सेवा प्रशिक्षण योजना की शुरुवात की। घर से लेकर देश की सेवा कैसे की जाए, बच्चों और युवाओं में सेवा की भावना विकसित करने और समाज में निराश्रित और वंचित लोगों की मदद के लिये विद्यालयों में सेवा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशाल भारत संस्थान 10 हजार युवाओं को सेवा के लिये प्रशिक्षित करेगा, ताकि आपदा के समय घर-घर से देश सेवक मदद के लिये तैयार रहें, साथ ही माता पिता की सेवा और बुजुर्गों के सम्मान का भी ख्याल रख सके।

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विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव गुरुजी ने सुभाष मन्दिर में मत्था टेका एवं दीपोज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अनाज बैंक द्वारा 300 महिलाओं को अनाज वितरित किया गया। आजाद हिन्द बटालियन ने नेताजी सुभाष को सलामी दी। इस अवसर पर डॉ० राजीव ने कहा कि विशाल भारत संस्थान ने कोरोना काल में 100 दिनों तक सेवा कर इतिहास बनाया। सेवा का ऐसा मॉडल है जहाँ युवा बिना किसी लाभ के निस्वार्थ भाव से देश सेवा के लिए तैयार होते हैं।

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कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नायब तहसीलदार महेश प्रताप सिंह ने कहा कि सामाजिक संगठन ही सामाजिक कुरीतियों से लड़कर परिवर्तन ला सकता है। सेवा ही एकमात्र माध्यम है जिससे समाज को बेहतर बना सकते हैं। संचालन डॉ० अर्चना भारतवंशी ने किया एवं धन्यवाद डॉ० नजमा परवीन ने दिया। इन अवसर पर अशोक सहगल, डॉ० मृदुला जायसवाल, विवेकानन्द सिंह, इली भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, सरोज, गीता, किशुना देवी, उर्मिला, प्रभावति, पार्वती, मैना, पूनम, सुनीता, संयोगिता, रमता आदि लोग मौजूद रहे।
 

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