भदैनी में ही हुआ था वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म, इसमें कोई संदेह नहीं : प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल

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 वाराणसी। भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

 वाराणसी। भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्रीप्रकाश शुक्ल, विशिष्ट अतिथि विंध्याचल यादव, काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री सूबेदार सिंह, यतींद्रनाथ चतुर्वेदी, रमेश चंद्र पांडे, घाट वॉक विश्वविद्यालय के संयोजक प्रोफेसर विजय नाथ मिश्रा और जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र द्वारा महारानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई।

भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण देश के प्रसिद्ध कलाकार अष्टभुजा मिश्र और भूमिका भार्गव द्वारा प्रस्तुत नृत्य-नाटिका रही। “खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झांसी वाली रानी थी” गीत पर आधारित इस प्रस्तुति में महारानी लक्ष्मीबाई के शौर्य, साहस और बलिदान को जीवंत रूप में दर्शाया गया। कलाकारों की प्रभावशाली प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और पूरा परिसर तालियों की गूंज से भर उठा।

भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रोफेसर श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म भदैनी में ही हुआ था। उन्होंने बताया कि इस स्थल को जन्मस्थली के रूप में स्थापित करने से पहले इतिहासकारों ने ऐतिहासिक दस्तावेजों, पुस्तकों और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े प्रमाणों का गहन अध्ययन किया था। उन्हीं ठोस साक्ष्यों के आधार पर भदैनी को महारानी की जन्मस्थली माना गया है।

 वाराणसी। भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

प्रो.श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि 1857 की क्रांति में महारानी लक्ष्मीबाई का योगदान अमूल्य है। उनके अदम्य साहस और बलिदान ने अंग्रेजों को भी भयभीत कर दिया था। वे केवल झांसी की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की शान और स्वाभिमान की प्रतीक हैं।

भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

विशिष्ट अतिथि विंध्याचल यादव, पूर्व महामंत्री सूबेदार सिंह और अन्य वक्ताओं ने कहा कि काशीवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म भदैनी में हुआ। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की आजादी के लिए जो योगदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर विजय नाथ मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का संचालन रामयश मिश्र ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शैलेश त्रिपाठी ने किया।

 वाराणसी। भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

समारोह के दौरान महारानी लक्ष्मीबाई की स्मृति में जरूरतमंद लोगों को कंबल भी वितरित किए गए। इस अवसर पर प्रभु नाथ त्रिपाठी, विश्वनाथ यादव, छेदी, कृष्णकांत द्विवेदी, गोपाल मिश्रा, प्रमोद पांडे, डॉ. जयप्रकाश मिश्रा, राजीव पांडे, रामा पांडे, अरविंद पटेल, मनीष खत्री सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

भदैनी स्थित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर रविवार की शाम “एक शाम वीरांगना के नाम” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय घाट वॉक विश्वविद्यालय और जागृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, इतिहास प्रेमी और स्थानीय लोग शामिल हुए।

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