वीरांगना लक्ष्मीबाई की 167वीं पुण्यतिथि: जन्मस्थली पर दीपदान, वीरांगना एक्सप्रेस की मांग

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वाराणसी। देश की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 167वीं पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर वाराणसी के भदैनी स्थित उनकी जन्मस्थली पर दो दिवसीय स्मृति समारोह का शुभारंभ हुआ। जागृति फाउंडेशन और महारानी लक्ष्मीबाई जन्मस्थान स्मारक समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में मंगलवार शाम 6:30 बजे दीपदान के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ।

समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लोक भूषण सम्मान से सम्मानित साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी नागेश सिंह, प्रदक्षिणा यात्रा समिति के सचिव उमाशंकर गुप्ता, और जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने संयुक्त रूप से प्रथम दीप जलाकर किया। इसके बाद, स्वामीनारायण तीर्थ वेद विद्यालय (शिवाजी नगर कॉलोनी, छितूपुर) और स्वामी नारायणनंद तीर्थ संस्कृत उच्चतर विद्यालय (अस्सी, रामेश्वर मठ) के वेद पाठी बटुकों ने वेद मंत्रों के बीच दीप जलाकर महारानी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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डॉ. जयप्रकाश मिश्र ने कहा, "काशी की बेटी और झांसी की रानी ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना बलिदान देकर अंग्रेजों को भागने पर मजबूर किया। हमें इस वीरांगना पर गर्व है।" समाजसेवी नागेश सिंह ने उनके योगदान को अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि नई पीढ़ी को उनके दिखाए रास्ते पर चलकर देश की आन-बान-शान के लिए समर्पित रहना होगा।

कार्यक्रम के संयोजक रामयश मिश्र ने केंद्र सरकार से वाराणसी से ग्वालियर तक चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम "वीरांगना एक्सप्रेस" करने की मांग दोहराई। उन्होंने बताया कि इस मांग को लेकर पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

समारोह में विद्यालय के अध्यापक अवनीप द्विवेदी, अमरेंद्र सिंह (बीएचयू), विनय कुमार मिश्रा, हरिनाथ गौड़, राजकुमार सहित कई बटुक और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन रामयश मिश्र ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन विनय कुमार मिश्रा ने किया।

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