वाराणसी का कबीरचौरा अस्पताल रिसर्च वर्क में यूपी में प्रथम, डॉ उपासना राय के अध्ययन को मिली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता 

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वाराणसी। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के शोध कार्यों में श्री शिव प्रसाद गुप्त, मंडलीय जिला चिकित्सालय, वाराणसी (कबीरचौरा) ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि चिकित्सालय में कार्यरत मनोचिकित्सक डॉ. उपासना राय का शोध अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित और मान्यता प्राप्त हो चुका है। यह अध्ययन वर्ष 2021 से 2023 के बीच किया गया था और हाल ही में एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

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डॉ. उपासना राय, मनोचिकित्सक

इस शोध में 42 सिज़ोफ्रेनिया रोगियों को शामिल किया गया था। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य दो प्रकार की ईसीटी (ECT)—अल्ट्रा-ब्रीफ़ पल्स और ब्रीफ़-पल्स—के बीच कॉग्निटिव साइड इफेक्ट्स और उपचार की प्रभावशीलता की तुलना करना था। यह अध्ययन केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान, कांके (रांची) में संचालित हुआ।

शोध के निष्कर्षों से पता चला कि दोनों प्रकार की ECT ने रोगियों में लक्षणों को प्रभावी रूप से कम किया, और इन दोनों तकनीकों के परिणामों में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया गया। यह परिणाम सिज़ोफ्रेनिया के उपचार में ECT की विभिन्न विधियों को समझने और अपनाने के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ प्रदान करते हैं।

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डॉ. बृजेश कुमार, प्रमुख अधीक्षक

डॉ. उपासना राय, जो वर्तमान में वाराणसी के श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय जिला चिकित्सालय में सेवाएँ दे रही हैं, का कहना है कि यह अध्ययन मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों के लिए बेहतर उपचार पद्धति चुनने में सहायक होगा।

यह उपलब्धि न केवल मंडलीय जिला चिकित्सालय, वाराणसी, बल्कि चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग और पूरे जनपद के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। किसी स्थानीय चिकित्सकीय संस्थान से जुड़े विशेषज्ञ का शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता पाना पूर्वांचल में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, क्षमता और बढ़ते शोध वातावरण का प्रमाण है।

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