वाराणसी : किसान दिवस में नदारद रहे एक्सईएन, सीडीओ ने दो अफसरों का रोका वेतन, दिए निर्देश

वाराणसी। सीडीओ हिमांशु नागपाल की अध्यक्षता में बुधवार को किसान दिवस का आयोजन किया गया। इसमें किसानों से संबंधित विभिन्न विभागों की योजनाओं और सुविधाओं को लेकर चर्चा हुई। किसानों ने अपनी समस्याएं भी बताईं। सीडीओ ने किसान दिवस से नदारद एक्सईएन विद्युत और समुचित जानकारी न देने पर उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का अप्रैल माह का वेतन रोकने की कार्रवाई की। वहीं अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
उद्यान विभाग की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्य खाद्य उद्योग उन्नयन योजना संचालित है, जिसमें किसान भाई खाद्य पदार्थ संबंधित कोई उद्योग लगा सकते हैं, जिस पर परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख का अनुदान देय है। इसी के साथ छृट्टा पशुओं से निजात दिलाने हेतु सब्जी, फल, फूल की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में फेन्सिग की योजना प्रस्तावित है, जिस पर 50 प्रतिशत का अनुदान है। इसके लिए उद्यान विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन किया जायेगा तथा इसमें किसी तरह की समस्या होने पर कार्यालय से सम्पर्क कर सकतें है।
प्रभागीय वनाधिकारी के प्रतिनिधि ने अवगत कराया कि शासन के निर्देश के क्रम में कुल 29 वृक्षों (आम, नीम, शाल, महुआ, बीजा शाल, पीपल, बरगद, गुलर, पाकड, अर्जून, पलास,बेल,चिरौंजी, खीरनी, कैथा, इमली, जामुन, असना, कुसुम, रीठा, भिलावा, तुमुन, सलई, हल्दू, बाकली/करधई, धौ, खैर, शीशम, सागौन) को कटाई हेतु प्रतिबंधित किया गया है, जिनके कटाई/पातन हेतु वन विभाग से अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक है। उक्त 29 वृक्षों से भिन्न प्रजाति के निजी वृक्षों के कटाई/पातन/ढुलान पर अनुमति की आवश्यकता नही है।
इसी क्रम में अधोहस्ताक्षरी द्वारा मौके पर उपस्थित पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जनपद के समस्त थानाध्यक्षों/पुलिस विभाग के कर्मियों को इस आशय की जानकारी दी जाए, जिससे अनावश्यक रूप से किसी किसान को उपरोक्त 29 वृक्षों से इतर अपने निजी वृक्ष के कटाई/पातन/ढुलाई में कोई असुविधा न उत्पन्न हो। किसान दिवस के अवसर पर विकास खण्ड हरहुआं, काशीविद्यापीठ, पिण्डरा, चोलापुर, चिरईगांव के किसानों द्वारा छुट्टा पशुओं की समस्या बतायी गयी।
मौके पर उपस्थित उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. पवन कुमार सिंह से उक्त के सम्बन्ध में जानकारी चाही गयी कि सम्बन्धित विकास खण्डों में किस तिथि में कैटिल कैचर संचालित हुआ था, जिसकी जानकारी उनके द्वारा नही दी जा सकी। तद्क्रम उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. पवन कुमार सिंह का माह-अप्रैल,2025 का वेतन बाधित करते हुए निर्देशित किया गया कि संबंधित विकास खण्डों में कैटिल कैचर के माध्यम से सभी छुट्टा पशुओं को पकडते हुए स्थिति से अवगत कराया जाए।
कृषक सुभाष चन्द्र वर्मा ग्राम-भोपापुर विकास खण्ड-हरहुआं के द्वारा अवगत कराया गया कि 1 किलो वाट का उनका घरेलु कनेक्शन है, जिस पर बिल 5 किलो वाट का चार्ज हो रहा है। जिसकी शिकायत विधुत विभाग में 5 बार करने के उपरांत भी अभी तक समस्या का निस्तारण नही हो सका। उक्त के क्रम में विधुत विभाग से निस्तारण की अपेक्षा की गयी, किन्तु पूर्व सूचना के बाद भी विधुत विभाग का कोई अधिकारी किसान दिवस में उपस्थित नही था, जिसके कारण संबंधित किसान की समस्या का निस्तारण नही हो सका। तद्क्रम में अधिशासी अभियन्ता, विधुत (नोडल अधिकारी) हेमन्त कुमार सिंह का माह-अप्रैल,2025 का वेतन बाधित करते हुए निर्देशित किया गया कि संबंधित किसान की समस्या का निस्तारण कर अवगत कराया जाए।
जिला कृषि अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि असामयिक वर्षा/आंधी/तुफान/चक्रवाती वर्षा के कारण जिन बीमित कृषकों के फसल की क्षति हुई है, उनमें से अब तक 431 दावा आनलाइन प्राप्त हुआ है। उक्त के क्रम में सीडीओ ने मौके पर उपस्थित एसबीआई जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी के जिला प्रबंधक पवन कुमार सिंह को निर्देशित किया गया कि अविलम्ब संबंधित कृषकों का सर्वे करते हुए नियमानुसार क्षतिपूर्ति दिये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए।
जिन ग्राम पंचायतों से क्षति की शिकायत प्राप्त हुई है, उनके अन्तर्गत जितने कृषकों के द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत बीमा कराया गया है, उनके भी प्लाट का सर्वे कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ संयुक्त रूप से किया जाए। इसी क्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत बीमित समस्त कृषक भाइयों से अपील की गई कि दैविक आपदा की स्थिति में फसल क्षति होने के 72 घण्टे के अन्दर भारत सरकार के टोल फ्री नम्बर-14447 पर शिकायत करें तथा आनलाइन शिकायत में यदि कोई असुविधा हो तो उप कृषि निदेशक/जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में लिखित रूप से सूचित कर दें, जिससे नियमानुसार क्षतिपूर्ति दिए जाने की प्रक्रिया संबंधित बीमा कम्पनी के माध्यम से सुनिश्चित कराई जा सके।