वाराणसी : तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में मौसम से जुड़े गंभीर विषयों पर चर्चा, मौसम वैज्ञानिकों को किया पुरस्कृत
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में कृषि मौसम विज्ञानियों संघ, डीएसटी महामना जलवायु परिवर्तन एवं उत्कृष्ट शोध केंद्र , पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान भूभौतिकी विभाग के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में मौसम से जुड़े गंभीर विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले मौसम वैज्ञानिकों को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों के 500 से अधिक कृषि व जलवायु परिवर्तन वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में शोध प्रबंध के लिए डॉ. पीडी मिस्त्री पुरस्कार वाराणसी के मूल निवासी डॉ राम नारायण सिंह को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ एमएससी शोध प्रबंध के लिए प्रो पीएन शास्त्री पुरस्कार केरला कृषि विश्वविद्यालय की किनदिन्ती अनुषा को दिया गया। डॉ. एस. वेंकटरमन युवा वैज्ञानिक पुरस्कार पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य राज कुमार पाल को दिया गया। प्रो. बीवी रमण राव कृषि मौसम विज्ञान में सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार निशिगंधा काकती, और सह-लेखक राजीब लोचन डेका, परिश्मिता दास, जोगेश गोस्वामी, पुण्य गोगोई खानिकर और हेमंत सैकिया को दिया गया हैं। प्रो. एस. वेंकटरमन जैविक और अजैविक तनाव प्रबंधन पर कृषि मौसम विज्ञान का सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार प्रशांत नियोग, और सह-लेखक आर.के. गोस्वामी, डी. सैकिया, एन. गोगोई और एम.के. कलिता को दिया गया। कृषि मौसम विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. पी बालकृष्ण पिल्लई को सर्वश्रेष्ठ वरिष्ठ वैज्ञानिक का पुरस्कार डॉ. वी. गीतालक्ष्मी, कुलपति, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर, तमिलनाडु को प्रदान किया गया।
कृषि मौसम विज्ञान के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए एसोसिएशन आफ एग्रोमेटोरोलॉजिस्ट ने डॉ. पवनीत कौर किंगरा, विभागाध्यक्ष, जलवायु परिवर्तन और कृषि मौसम विज्ञान, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और डॉ.अब्दुस सत्तार, एसोसिएट प्रोफेसर-सह-वरिष्ठ वैज्ञानिक, जलवायु परिवर्तन उन्नत अध्ययन केंद्र, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा को कृषि मौसम विज्ञान, एसोसिएशन ऑफ एग्रोमेटोरोलॉजिस्ट की फेलोशिप से सम्मानित किया। उन्नत कृषि मौसम विज्ञान, भूभौतिकी के क्षेत्र में प्रो. रविशंकर सिंह को तथा डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव डेयर एवं महानिदेशक, आईसीएआर को मृदा विज्ञान और अजैविक तनाव प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए एसोसिएशन ऑफ एग्रोमेटोरोलॉजिस्ट के 'आनरेरी फेलोशिप' से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में डॉ. वीके गोयल तथा डॉ. बीके सिंह को कृषि की वृद्धि और सतत्ता व् कृषि उत्पाद के लिए कृषि मौसम विज्ञान में 'विशिष्ट उद्योग योगदान' सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन के प्रमुख सत्र की अध्यक्षता डॉ. आरपी सिंह, निदेशक, भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, देहरादून ने की जिसमे डॉ. रॉबर्ट स्टेफ़न्स्की, डब्ल्यूएमओ, जिनेवा स्विट्जरलैंड ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन की विभिन्न गतिविधियों तथा कृषि मौसम विज्ञान के क्षेत्र में इसकी विभिन्न सेवाओं के बारे में बताया। भारत के विख्यात वैज्ञानिक प्रो एसएन त्रिपाठी आईआईटी कानपुर ने जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य और कृषि पर दुष्प्रभाव के बारे में ज्ञानवर्धक बातें कीं। इसके साथ अन्य सत्रों में बदलती जलवायु में भूमि-वायुमंडलीय अंतःक्रिया का कृषि एवं संबद्ध, जलवायु परिवर्तनशीलता और परिवर्तन: प्रभाव और हस्तक्षेप, खाद्य सुरक्षा, कृषि में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और संख्यात्मक मौसम भविष्यवाणी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। प्रो एएस रघुबंशी, निदेशक, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान ने विशिष्ट वैज्ञानिकों का सम्मान किया। सत्र के उपरान्त सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका नेतृतव प्रसिद्ध कलाकर श्रीमती शैलबाला ने किया ।
कार्यक्रम का संयोजन डॉ के के सिंह, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ एग्रोमेटोरोलॉजिस्ट (आम) वाराणसी, डॉ. एसबी यादव, सचिव, आम, प्रो. आरएस सिंह, अध्यक्ष, आम वाराणसी अध्याय, प्रो. आर भाटला, उपाध्यक्ष, आम वाराणसी अध्याय, भूभौतिकी विभाग, प्रो. आर के मल्ल, उपाध्यक्ष, आम वाराणसी अध्याय, डीएसटी -एमसीइसीसीआर, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, प्रो. एमके श्रीवास्तव, भूभौतिकी विभाग, प्रो. अखिलेश रघुबंशी, डायरेक्टर, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, प्रो. वीके मिश्रा, विभागाध्यक्ष, डॉ आरपी सिंह, डॉ टी बनर्जी, डॉ विशाल प्रसाद, डॉ पीसी अभिलाष, डॉ पीके श्रीवास्तव, डॉ सुनीता वर्मा, शिव मंगल सिंह ने किया।
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