Lolark Kund : हजारों श्रद्धालुओं ने लोलार्क कुंड में लगाई डुबकी, होती है संतान की प्राप्ति, शारीरिक कष्टों से मिलता है छुटकारा
वाराणसी। लोलार्क छठ (lolark Chhath) के अवसर पर गुरुवार को भदैनी स्थित लोलार्क कुंड में स्नान करने और भोलेनाथ के दर्शन-पूजन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। दंपति ने कुंड में डुबकी लगाई। वहीं लोलार्केश्वर महादेव का दर्शन-पूजन और सूर्यदेव की आराधना की। ऐसी मान्यता है कि कुंड में स्नान व महादेव के दर्शन से संतान की प्राप्ति होती है। वहीं शारीरिक कष्टों से भी छुटकारा मिलता है।

वंश वृद्धि की कामना के लिए भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर वाराणसी में लोलार्क छठ का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर शहर के भदैनी क्षेत्र स्थित पौराणिक लोलार्क कुण्ड देश के कोने कोने से आए हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। देश के अलग-अलग प्रांतों से आए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वाराणसी के भदैनी क्षेत्र में स्थित इस लोलार्क कुण्ड में स्नान का खास महत्व होता है। कुण्ड में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने लोलार्केश्वर महादेव की पूजा अर्चना की मान्यता है। लोलार्क कुंड के महंत के अनुसार यह कुंड आदि काल से है, यहां बाबा स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर एक बार कूजबिहार के राजा आए, जिन्हें कुष्ठ रोग था। यहां के जल से उनका कुष्ठ रोग ठीक हो गया। उसके बाद उन्होंने यहां मंदिर बनवाया।

लोलार्क कुण्ड के दोनों तरफ श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। श्रद्धालुओं की इस भीड़ में तमाम ऐसे थे, जो पिछले कई वर्षों से लगातार यहां आते रहे हैं। संतान की कामना लेकर यहां श्रद्धालु देश के कोने-कोने से खीचें चले आते है। लोलर्क कुंड में सूर्य अस्त होने तक स्नान का क्रम चलेगा। श्रद्धालु कुंड में स्नान करने के साथ ही अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान भास्कर से आराधना करते हैं। लगभग सौ सीढ़ियों से नीचे उतर कर दंपती यहां स्नान करते है। ऐसे बहुत सारे दंपति रहे, जिन्हें यहां पर आकर स्नान करने के बाद संतान की प्राप्ति हुई। वे अपने संतान को लेकर यहां पर ईश्वर का धन्यवाद और मुंडन और पूजन करने पहुंचे।

बाबा कीनाराम स्थल में क्रीं कुंड भी अहम
लोलार्क षष्टि के दिन वाराणसी के लोलार्क कुंड के अलावा बाबा कीनाराम स्थल में क्रीं कुंड में भी स्नान होता है। यहां भी मान्यता है कि जो भी मनोकामना के साथ स्नान करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। यहां भी दंपति संतान की प्राप्ति के लिए स्नान करते हैं।











