वाराणसी : मुहर्रम के चांद का हुआ दीदार, फिज़ा में गूंजने लगीं...या हुसैन या हुसैन की सदाएं

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वाराणसी। जैसे ही आसमान में मुहर्रम का चांद दिखाई दिया, मोमीनो ने चांद को देखते हुए शहीदाने कर्बला और उनकी शहादत को याद किया। इस सिलसिले से देश और दुनिया के साथ बनारस शहर में भी लोगों ने मुहर्रम के इस्तकबाल में मजलिसे से की तो इमाम चौक पर शमां रोशन करके चिराग रोशन किया गया। इस दौरान हरा झंडा और लाल झंडा लगाकर शहीदों को याद किया पानी और शरबत पर उनके नाम से फातिहा कराई और लोगों में तबर्रुक तकसीम किया। हर जगह या हुसैन या हुसैन की सदाएं गूंजने लगी। 

शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि सन 1445 हिजरी खत्म हो गया और सन 1446 हिजरी शुरू हो रही है और नया साल कुछ यूं शुरू होता है कि मेरी खुशियों का सफर गम से शुरू होता है, मेरा हर साल मुहर्रम से शुरू होता है...। सोमवार से विधिवत शहर में सैकड़ों मजलिसे सुबह से लेकर देर रात तक आयोजित होगी। लोग दरगाहों,‌ इमामबाड़ों में पहुंचकर इमाम हुसैन को खिराज ए अक़ीदत पेश करेंगे। 

मजलिसों का सिलसिला सुबह 7:00 बजे से शुरू होगा और देर रात तक जारी रहेगा। इस सिलसिले से रामनगर, गौरीगंज, भेलूपुर, मदनपुरा, चौक, दालमंडी‌, रसूलपुर,‌ बड़ी बाजार‌, कच्चीबाग, राजापुरा‌, पठानी टोला‌, चौटाला लाल खां, मुकीमगंज,‌ प्रह्लादघाट आदि क्षेत्रों में मजलिसों का आयोजन होगा। शहर की 28 अंजुमने अपने-अपने क्षेत्र में नोहा मातम करने के लिए पूरी तरीके से तैयार है। एक मोहर्रम को शाम 4:00 बजे सदर इमामबाड़े में 1446 हिजरी का पहला जुलूस दुलदुल और आलम के साथ कैंपस में ही उठाया जाएगा। शहर की सभी अंजुमने इसमें शामिल रहेंगी।

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