वाराणसी : स्वयं सहायता समूहों को मत्स्य संपदा योजना से जोड़ें, आवेदनों पर हो त्वरित कार्रवाई, डीएम ने दिया निर्देश 

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वाराणसी। जिलाधिकारी एस राजलिंगम की अध्यक्षता में बुधवार को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिए जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) की समीक्षा बैठक कैंप कार्यालय में हुई। इस दौरान योजना की समीक्षा की गई। डीएम ने स्वयं सहायता समूहों को योजना से जोड़ने पर जोर दिया। साथ ही योजना के तहत होने वाले आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। 

डीएम ने बताया कि विभागीय पोर्टल पर प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की 16 उपयोजनाओं के अंतर्गत कुल 234 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 91 आवेदन पत्र या तो लंबित हैं या रिटर्न किए गए हैं। डीएम ने ऐसे आवेदन पत्रों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने हेतु सभी आवश्यक अभिलेखीय औपचारिकताएं पूर्ण कर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। विगत एक वर्ष से बैठक का आयोजन न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा और निर्देश दिया कि भविष्य में यह बैठक त्रैमासिक आधार पर नियमित रूप से की जाए। साथ ही उन्होंने बैठक में चर्चा के लिए पर्याप्त समय निर्धारित करने को भी आवश्यक बताया।

डीएम ने यह भी निर्देशित किया कि आगामी बैठकों में पदेन सदस्यों के साथ-साथ सभी खण्ड विकास अधिकारियों, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निबंधक सहकारिता, डीडीएम नाबार्ड, नगर निगम एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त को भी आमंत्रित किया जाए। समिति द्वारा यह सुझाव भी दिया गया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जाए ताकि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। साथ ही, मत्स्य पालन से जुड़े आवेदकों को सहकारी समितियों में शामिल कर लाभान्वित करने पर भी बल दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने जिले में मत्स्य आहार मिल और मत्स्य बीज हैचरी की स्थापना के प्रस्ताव पर जोर दिया।

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